आगरा। श्री पारस हॉस्पिटल की सील खोले जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने खोला मोर्चा। जांच टीम के साथ सीएमओ की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल।
कोविड की दूसरी लहर के दौरान ‘मौत के मॉक ड्रिल’ को लेकर चर्चा में आए श्री पारस हॉस्पिटल की सील खोले जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन कुरेशी उतर आए हैं। उन्होंने जांच टीम के साथ-साथ सीएमओ आगरा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं । साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी आड़े हाथ लिया है। उनका कहना है कि कैसे जांच टीम ने पूरे मामले की जांच की और 22 लोगों की मौत को अनदेखा कर हॉस्पिटल को क्लीन चिट दे दी।
आपको बताते चले कि श्री पारस हॉस्पिटल की मालिक की रसूख के आगे आखिरकार मृतकों के परिजनों की बिल्कुल नहीं चली। मृतकों के परिजनों की ओर से हुई शिकायत के बाद शासन के आदेश पर श्री पारस हॉस्पिटल पर कार्रवाई तो हुई लेकिन जांच के बाद उसे क्लीन चिट दे दी गई। भगवान टॉकीज के पास स्थित श्री पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मौत के मौत के मॉक ड्रिल के दौरान 22 मरीज छंट जाने की बात कही गई थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद जबरदस्त हंगामा हुआ था।
वीडियो वायरल होने और लोगों के आक्रोश के चलते हो रहे प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए डीएम पीएन सिंह ने हॉस्पिटल को सील करवा दिया था। इस मामले में हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन के खिलाफ थाना न्यू आगरा में मामला भी दर्ज किया गया था। पूरे मामले की जांच स्वास्थ्य विभाग की कमेटी कर रही थी , जिनके परिजनों की मौत हुई थी उन लोगों ने हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद अब अचानक हॉस्पिटल को सील मुक्त करते हुए उसका लाइसेंस भी बहाल कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन कुरैशी का कहना है कि इस पूरे मामले को लेकर वह अधिवक्ताओं से रायशुमारी कर रहे हैं। अगर जरा भी इस मामले में लीपापोती या फिर भ्रष्टाचार की बू आएगी तो वह इस मामले को लेकर अदालत जाएंगे और पारस हॉस्पिटल कि जो सील खुली है उसके खिलाफ याचिका दायर करेंगे।