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तंगी के चलते ‘मोनिका’ किडनी बेचने को हुई मजबूर, लॉकडाउन से प्रभावित मध्यमवर्गीय परिवार के दर्द को सामने रखा

by admin

आगरा। वैश्विक महामारी के कारण एक परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है और अपने इस संकट को दूर करने के लिए परिवार के मुखिया की पत्नी जो कि एक सपा नेत्री भी है, अपनी किडनी बेचने पर मजबूर हो गई है। सपा नेत्री ने अपनी किडनी बेचने के लिए सीएम पीएम, राष्ट्रपति और राज्यपाल के साथ स्थानीय प्रशासन को भी ट्वीट भी किया है। पीड़िता ने अपनी किडनी बेचने का संदेश फ़ोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।

सपा नेत्री का नाम मोनिका नाज खान है जो अपने परिवार के साथ हंसी खुशी रह रही थी। मोनिका के मुताबिक पहले उपके पति की शू फैक्ट्री बंद हो गई, उसके बाद उन्होंने बुटीक खोला, फरवरी में खुला बुटीक वैश्विक महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन के कारण बंद हो गया। कुछ दिन तक जो पैसा घर में था उससे काम चलता रहा फिर वह पैसा भी खत्म हो गया। अब अनलॉक शुरू हुआ तो जीवन भी पटरी पर आने लगा जब जीवन पटरी पर आया तो बिजली का बिल सर पर आ गया। बच्चों की फीस के भी नोटिस आने लगे लेकिन घर में खर्चा तक के पैसे नहीं थे तो स्कूल की फीस और बिजली का बिल कैसे जमा होता।

पीड़िता मोनिका नाज खान कहना है कि कोरोना के कारण उनका सब कुछ खत्म हो गया। दिन प्रतिदिन बढता खर्चा और पति के व्यापार खत्म होने से यह समस्या और बढ़ गयी। सुसाइड कोई रास्ता नहीं था इसलिए उन्होंने अपने शरीर का अंग बेचने का निर्णय लिया है। वह अपनी किडनी सरकार को बेचनी चाहती है। पीड़िता का कहना है कि इस मार्च में हुए लॉकडाउन से व्यापार बंद हो गए। पति का जूते का कारोबार बंद हो गया, खुद का बुटीक बंद हो गया, दोनों का किराया चढ़ रहा है। बच्चे की स्कूल की फीस और जो गाड़ी खरीदी उसकी ईएमआई का लोड बढ़ रहा है। ऐसे में जब जेब खाली है तो कहाँ से इतने खर्चे की भरपाई करे।

इतना ही नहीं अपनी बच्ची के इलाज के लिए ₹3 लाख का कर्जा लिया वो भी नहीं दे पा रही है। इस कारण उन्होंने फैसला किया कि अपनी एक किडनी बेचेगी जिससे उसके परिवार का लालन पालन हो सके।

पीड़िता मोनिका नाज खान का कहना है कि सरकार गरीब तबके के बारे में सोच रही है या तो फिर फायदा केवल हाई सोसाइटी को मिल रहा है लेकिन मिडल क्लास फैमिली के बारे में किसी ने नहीं सोचा कि वह इस लॉकडाउन में कितना संघर्ष कर रही है। सरकार द्वारा मिडिल क्लास पर ध्यान न देने के कारण यह वर्ग काफी संघर्ष कर रहा है।

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