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कोरोना के बाद अब टोमेटो फीवर का खतरा, जानिए कैसे फैलता है यह रोग

by admin
After corona, now there is a danger of tomato fever, know how this disease spreads

आगरा। कोरोना वायरस और मंकी पॉक्स के के बाद अब टोमेटो फीवर का खतरा, जानिए कैसे फैलता है यह रोग। देश भर में अब तक आए इतने मामले।

कोरोना के बाद से पूरी दुनिया खौफ के साये में जी रही है। हर दिन कोई ना कोई नई बीमारी सामने आ रही है और लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। कोरोना के बाद मंकीपॉक्स ने कहर बरपाया तो अब टोमेटो फ्लू ने चिंता बढ़ा दी है।

देश में एक और संक्रमित बीमारी टोमेटो फ्लू के रूप में सामने आई है। देश में अब तक करीब 82 मामले टोमेटो फ्लू के सामने आ चुके हैं। हालांकि चिकित्सक इस बीमारी को नई बीमारी नहीं मान रहे है। टोमेटो फ्लू का केस भी सबसे पहले केरल में आया।

क्या है टोमेटो फीवर:-

जिला अस्पताल के सीएमएस ए के अग्रवाल ने बताया कि टोमेटो फ्लू को एचएफएमडी (हैंड फुट माउथ डिजीज) कहा जाता है। यह बीमारी भी वायरस से फैलती है। इसके लिए कॉक्ससेकीवायरस (coxsackievirus) जिम्मेदार है।

आमतौर पर कॉक्ससेकीवायरस ए-16 हैंड, फूट एंड माउथ डिजीज के लिए जिम्मेदार है। इसे हैंड, फूट एंड माउथ डिजीज इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि मुंह, हाथ और पैर को प्रभावित करती है।

टोमेटे फीवर कैसे फैलता है:-

जिला अस्पताल के सीएमएस एके अग्रवाल ने बताय कि यह भी संक्रमित बीमारी है और इसका संक्रमण भी कोरोना की तरह ही फैलता है और शरीर में नाक और मुंह से ही अंदर जाता है।

इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, किसिंग, हगिंग, एक साथ खाना खाने आदि से भी यह बीमारी फैल सकती है।

इस बीमारी के लक्षण क्या हैं:-

सीएमएस एके अग्रवाल ने बताया कि टोमेटो फ्लू बुखार, सिर दर्द, उत्तेजना महसूस करना, गले में खराश, कमजोरी, भूख की कमी, जीभ, गाल के अंदर छाले निकलना और इसमें दर्द करना आदि इसके लक्षण हैं

इसके अलावा नितंबों, पैरों के तलवों और कभी-कभी हथेलियों पर दाने निकल आना भी इसके लक्षण हैं। हालांकि इन जगहों पर निकले दाने फफोले के रूप में नहीं आते। सामान्य तौर पर इन लक्षणों को दिखने में 3 से 6 दिनों का समय लगता है. बच्चों में पहले बुखार आ सकता है। वह पहले असहज हो सकता है।

टोमेटो फीवर का इलाज:-

सीएमएस एके अग्रवाल ने बताया कि सामान्यतया यह बीमारी ज्यादा खतरनाक नहीं है। 7 से 10 दिनों के अंदर संक्रमण अपने आप सही हो जाता है लेकिन बीमारी की गंभीरता ज्यादा न बढ़े, इसके लिए डॉक्टर कुछ दवाइयों की सलाह देते हैं। इस बीमारी में भी मरीज की बॉडी और बीमारी के हिसाब से ही दबाए दी जाती है क्योंकि संक्रमण की कोई दबा नही है।

ऐसे बच सकते है संक्रमण से:-

सीएमएस एके अग्रवाल ने बताया कि कुछ एहतियात बरत कर आप अपने बच्चे को इस बीमारी से बचा सकते हैं। जैसे कि बच्चों के हाथ को कई बार धोते रहें।

बच्चों की हाईजीन का खयाल रखें और घर को नियमित तौर पर सेनिटाइज करे। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसके संपर्क में बच्चों को न आने दें। खट्टे फल, फ्रूट ड्रिंक और सोडा से बच्चों को दूर करें।

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