आगरा। ईलाज के अभाव में हो रही बच्चों की मौत पर राष्ट्रीय बाल आयोग सख्त है। तीन मासूम की हुई मौत पर डीएम आगरा को नोटिस भेज चुके बाल आयोग ने एक और नोटिस थमा दिया है और तीन दिन में जवाब मांगा है। यह नोटिस अभी हाल में ईलाज़ के अभाव में हुई 6 मास के मासूम की मौत से जुड़ा है।
थाना मलपुरा की ग्राम पंचायत टपरा मौजा नगला आनंदी निवासी सुरेन्द्र किराए के मकान में रहता है। 11 मई 2020 की शाम उसके सबसे छोटे छह माह के बेटे मंगल के पेट में दर्द हुआ, बच्चे को पेशाब भी नहीं आ रहा था। रात में धनौली समेत आसपास के अस्पताल ले गए लेकिन अस्पातल बंद होने पर ईलाज नहीं मिला। उसने पड़ोसी के मोबाईल से 112 पर पुलिस को फोन किया। पुलिस ने कहा कि आसपास किसी डाक्टर को दिखा लो। 108 नंबर पर फोन करके एंबुलेंस बुलाने को कहा। सुरेन्द्र ने पड़ोसी के मोबाइल से रात 9:15 बजे 108 पर एंबुलेंस पर फोन किया। उसे 15 मिनट में पहुंचने का जवाब मिला। एंबुलेंस के इंतजार में वह परिवार सहित रात भर बैठा रहा। जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो सुबह वह छह महीने के बेटे को गोद में लेकर पैदल आगरा की ओर चल पड़ा। रास्ते में धनौली पर दो पुलिसकर्मियों से भी मदद मांगी लेकिन नहीं मिली। करीब दस किलोमीटर पैदल चलने के बाद उसकी गोद में ही बच्चे ने तड़प तड़पकर जान दे दी। वह रोते हुए घर लौट आए।
इस मामले से चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अवगत कराया, जिस पर आयोग ने डीएम को नोटिस जारी कर तीन दिन में रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने जारी पत्र में कहा है कि इससे पूर्व भी तीन बच्चों की ईलाज के अभाव में मौत का मामला आयोग के समक्ष आ चुका है। स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएं।
