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खतरे के निशान के ऊपर पहुंची चंबल नदी, घर हुए जलमग्न, ग्रामीणों का पलायन शुरू

by admin
Chambal river reaches above danger mark, houses submerged, villagers start exodus

Agra. चंबल नदी में लगातार हो रहे जलस्तर के कारण बुधवार को चंबल ने अपना रौद्र रूप दिखा ही दिया। पिनाहट घाट पर खतरे के निशान चंबल के जलस्तर पार कर गया और जलस्तर 133 मीटर पर पहुंच गया। चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी तो चंबल नदी का पानी गांव में घुसने लगा। तेज बहाव के चलते तटवर्ती इलाके जलमग्न हो गए और तटवर्ती इलाकों में बसे गांव के घर पानी में डूबे गए। घर जलमग्न होने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। कुछ ग्रामीण अपने घरों की छत पर चढ़ गए तो कुछ ग्रामीणों ने पलायन भी शुरू कर दिया। राशन व अन्य सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे। तटवर्ती इलाकों में पानी घुसने पर स्थानिक शासन सतर्क हुआ और राहत कार्य में जुट गया।

Chambal river reaches above danger mark, houses submerged, villagers start exodus

खतरे के निशान से ऊपर बह रही है चंबल:-

सोमवार शाम को चंबल नदी का जलस्तर 120.60 मीटर पर था। रात्रि में चंबल नदी में आयी भयंकर बाढ़ के चलते मंगलवार सुबह करीब 7 बजे चंबल नदी का जलस्तर 126.50 पर पहुंच गया। दोपहर करीब 12 बजेचंबल नदी का जलस्तर 127.50 मीटर पर पहुंच गया। उसके बाद दोपहर करीब 3 बजे चंबल नदी का जलस्तर 129 मीटर पर पहुंच गया। शाम करीब 7 बजे तक चंबल नदी का जलस्तर 130 मीटर के पार कर गया और चंबल के जलस्तर 133 मीटर पहुँच गया जो खतरे के निशान से काफी ऊपर पर है।

इन गांव की बढ़ी मुश्किलें:-

चंबल के तटवर्ती इलाकों में पानी घुसने से मऊ की मडैया, उमरेठा पुरा, गुड़ा, भटपुरा, झरना पुरा, डाल का पुरा, रेहा, कछियारा, शिवलाल का पुरा,गोहरा, रानीपुरा आदि गांव के ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गयी है। बाढ़ से घिरे इन गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।

पलायन शुरू:-

चंबल नदी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर इस समय बह रही है और प्रति घंटे के हिसाब से लगभग 2 मीटर जलस्तर चंबल नदी में बढ़ रहा है। तटवर्ती इलाकों के जलमग्न हो जाने के बाद ग्रामीणों ने अपनी जान बचाने के लिए पलायन भी शुरू कर दिया है। जिस तेजी के साथ जलस्तर बढ़ा है उसके कारण ग्रामीणों के घर पूरी डूब गए हैं लोग अपने राशन – सामान को लेकर घर को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे।

बाढ़ के चलते चंबल नदी के तटवर्ती गांव में कराई गई मुनादी

चंबल नदी में आई भयंकर बाढ़ को देखते हुए चंबल नदी के करीब 40 तटवर्ती गांव में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। राजस्व लेखपाल के द्वारा गांव में मुनादी कर ग्रामीणों को ऊंचे टीले पर जाने की हिदायत दी जा रही है। वहीँ राजस्व कर्मचारी पूरी निगरानी बनाये हुए हैं।

1996 और 2019 का रिकॉर्ड तोड़ने को बेताब चंबल नदी

चंबल नदी का जलस्तर इस समय 133 मीटर है लेकिन चंबल नदी में प्रति घंटा 2 फ़ीट की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है। इससे पूरे दिन में यमुना का जलस्तर काफी आगे पहुंच जाने की उम्मीद लगाई जा रही है। लोगों का मानना है कि इस बार चंबल पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी। बताया जाता है कि वर्ष 1996 में रिकॉर्ड तोड़ चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया था तब चंबल नदी का जलस्तर 136.60 मीटर पर पहुंच गया था। उसके बाद वर्ष 2019 में भी चंबल का जलस्तर 136.20 पर पहुंच गया था जिससे चंबल नदी में भयंकर बाढ़ आई थी। चंबल नदी में आई बाढ़ ने तटवर्ती गांव में भारी तबाही मचा दी थी। जिससे चंबल नदी के करीब 40 गांव को अपनी चपेट में ले लिया था और कई मकान ढह गए थे। किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन फसल जलमग्न हो गई थी।

निगरानी ने लिए आठ बाढ चौकियां स्थापित

चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए चंबल नदी की निगरानी के लिए पिनाहट, मनसुखपुरा, उमरैठा, बासौनी, सिमराई, पुरा भगवान, खेरा राठौर व नगगवा सहित आठ बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इन बाढ़ चौकियों पर लेखपाल की टीम तैनात की गई है जिन्हें पल-पल की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देनी होगी।

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