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2 अप्रैल से चैत्र नवरात्र : इस वाहन पर सवार होंगी माँ दुर्गा, जानें पूजन की विधि और महत्व

by admin
Chaitra Navratri from April 2: Mother Durga will ride on this vehicle, know the method and importance of worship

Agra. हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का खास महत्व है। इन पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की भव्य तरीके से पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल दिन शनिवार के दिन से शुरू हो रही है जो 11 अप्रैल को समाप्त होगी। नवरात्रि में भक्त व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा से नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का खास महत्व होता है। इस दिन मां के खास वाहन का भी बहुत महत्व होता है। हर नवरात्रि में मां अपने अलग-अलग वाहन से आगमन करती हैं।

क्या होगी मां की सवारी

ज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि नवरात्रि में मां नवदुर्गा का आह्वान किया जाता है। मान्यता है कि हर नवरात्रि पर मां नव दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं और विदाई के वक्त मां का वाहन अलग होता है। पुराणों के अनुसार, मां दुर्गा का आगमन आने वाले भविष्य की घटनाओं के बारे में संकेत देता है। इस चैत्र नवरात्रि मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी। अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तो मां दुर्गा हाथी पर आती हैं। अगर नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार या शनिवार से होती है तो देवी घोड़े पर आती हैं। वहीं, जब नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार के दिन से शुरु होता है तो मां डोली की सवारी करके आती हैं। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार शनिवार से हो रही है इसलिए इस बार मां का वाहन घोड़ा है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और इसके बाद हर दिन देवी के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। घटस्थापना को कलश स्थापना भी कहा जाता है। इस बार कलश स्थापना शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल को सुबह 06:10 बजे से 08:29 बजे तक है। कुल अवधि 2 घंटे 18 मिनट की है।

कलश स्थापना नियम

कलश स्थापना के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनें। मंदिर की साफ-सफाई कर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं। इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें। एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करे। कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें। कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखें। एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें। इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आवाहन करें। इसके बाद दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें। नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित किया जाता है।

इस बार पूरे होंगे नवरात्रि

ज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन के होंगे। अक्सर यह देखा जाता था कि नवरात्रों में 1 दिन घटता था लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। इस बार 9 दिनों तक नवरात्रे होंगे प्रत्येक दिन अलग-अलग देवी मां की पूजा की जाएगी।

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