आगरा। थाना न्यू आगरा क्षेत्र के अंतर्गत दयालबाग के नामी शैक्षिक संस्थान के एक शिक्षक और साथी छात्र के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज़ हुआ है। आरोप है कि साथी छात्र के माध्यम से शिक्षक ने न केवल 13 वर्ष की नाबालिग किशोरी को सेट कराने की बात रखी बल्कि उसके साथ हमबिस्तर होने का ऑफर दिया। जब छात्रा को पता चला तो उसने अपनी मां से कहा। मां एक विद्यालय में शिक्षिका हैं। जब उन्होंने नामी शैक्षिक संस्थान में शिक्षक की शिकायत की तो संस्थान के डायरेक्टर ने ही पीड़िता की मां को ही धमकाया गया। छात्रा और उसके भाई को कॉलेज से निष्कासित कर दिया।
इस मामले की जांच में आरोपी शिक्षक और बीकॉम में पढ़ने वाले साथी छात्र की मोबाइल चैट भी सामने आई है जिसके में नाबालिग का मोबाइल नंबर शेयर करते हुए उसे सेट करने की बात कही जा रही है। इतना ही नहीं ‘उसकी जवानी खौल रही है, मैं उसके साथ से*स करना चाहता हूँ’ जैसी बातें भी की गईं हैं।
पीड़िता ने इस संबंध में न्यू आगरा में शिकायत दर्ज कराई। थाना न्यू आगरा पुलिस ने दिनांक 6 जनवरी को धारा 294 में मुकदमा दर्ज कर लिया। इसमें पाॅक्सो एक्ट तथा अन्य धाराएं नहीं लगाईं। पीड़िता द्वारा तहरीर में दिए शिक्षण संस्थान के निदेशक एवं विद्यालय प्रिंसिपल का नाम हटा दिया गया। इसके बाद पीड़िता की बेटी तथा उसकी सहपाठिनी को प्रेम विद्यालय से निष्कासित कर दिया। पीड़िता की मां प्रेम विद्यालय में अवैतनिक प्रवक्ता के पद पर वर्ष 2013 से कार्यरत हैं, उनको भी निलंबित कर दिया गया। 20 दिसंबर को उनके पुत्र को भी निलंबित कर दिया। इस संबंध में महिला थाना, वीमेन पाॅवर लाइन तथा तमाम जगह शिकायतें की लेकिन कहीं से न्याय नहीं मिला। पीड़िता के परिवार को पलायन करने की धमकी दी जा रही है। पीड़िता अवसाद में चली गई। उसका मनोचिकित्सक से ईलाज चल रहा है।
पीड़िता की मां ने चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट एवं महफूज़ संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने मदद मांगी। नरेश पारस ने एडीजी महिला एवं बाल संगठन, एसएसपी, महिला आयोग तथा बाल आयोग को पत्र भेजा है। उन्होंने मांग की है कि प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। पाॅक्सो तथा अन्य संबंधित धाराएं बढ़ाकर न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल कराया जाए। आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाई की जाए। पीड़िता द्वारा तहरीर में दिए सभी आरोपियों के नाम इस केस में शामिल किए जाए। पीड़िता तथा उसके भाई को काॅलेज में पुनः प्रवेश दिलाया जाए, जिससे उनकी पढ़ाई का नुकसान न हो। पीड़िता की मां को भी काॅलेज के प्रवक्ता पद पर बहाल किया जाए।