आगरा। रेलवे फाटक पार करने को लेकर रेलवे विभाग लगातार जन जागरूकता अभियान चला कर लोगों को यह समझाने का प्रयास करता रहता है कि अगर रेलवे फाटक लगा है तो उसे नीचे से क्रॉस ना करें नहीं तो उनके साथ हादसा हो सकता है। रेलवे क्रॉसिंग के नियमों के प्रति जागरूक होने के बाद भी आम व्यक्ति अपने जीवन से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आता और मौत को गले लगा लेता है। ऐसा ही कुछ आज आगरा झांसी रेलवे लाइन मलपुरा के गांव भांडई पर देखने को मिला। सोमवार शाम को फाटक के नीचे होकर बाइक निकाल कर रेलवे लाइन पार कर रहा बाइक सवार ग्वालियर की तरफ से आ रही छत्तीसगढ एक्सप्रेस की चपेट में आ गया। ट्रेन के तेज रफ्तार में होने के कारण बाइक चालक कई मीटर तक बाइक सहित घसीटता चला गया। इस हादसे को देखकर लोको पायलेट ने ट्रेन को रोक कर युवक के शव को इंजन से बाहर निकाला। मौके पर पहुँचे ग्रामीणो ने इस हादसे की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक की पहचान राजस्थान के जिला भरतपुर के थाना चिकसाना के गांव नौह बछामदी निवासी विवेक 20 वर्ष पुत्र रनधीर सिंह के रूप में हुई जो कक्षा 12 का छात्र था। वह सोमवार को थाना मलपुरा के गांव भांडई में पहली बार अपने मामा के लड़के की ससुराल आया था। वह शाम 4 बजे अपनी बाइक से अपने घर लौट रहा था। आगरा झांसी रेलवे ट्रक पर उसे फाटक नंबर 489 सी बंद मिला। इस पर वह फाटक के नीचे होकर अपनी बाइक को निकाल रहा था। जैसे ही उसने अपनी बाइक फाटक के नीचे से निकाली। तभी ग्वालियर की तरफ से आ रही छत्तीसगढ एक्सप्रेस ट्रेन ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। इससे उसकी बाइक 100 मीटर दूर जाकर गिरी तथा उसका शव ट्रेन के इंजन में फंस गया। 1 किलोमीटर आगे जाने के बाद लोको पायलेट ने ट्रेन को रोक दिया। आगे तथा पीछे के दोनो पायलेटो ने विवेक के शव को इंजन से बाहर निकाल लिया।
इस भयानक हादसे को देखकर लोग सन रह गए। हादसे की सूचना पर रेलवे पुलिस व एसओ मलपुरा थाने की फोर्स के साथ मौके पर पहुच गए। उन्होने शव को कब्जे में ले लिया। मौके पर मौजूद लोगो ने पुलिस को बताया है कि विवेक ने अपने कानो में इयरफोन लगाया हुआ था। जिसके कारण उसे ट्रेन का हॉर्न सुनाई नही दिया और इस भयानक हादसे का शिकार हो गया। करीब 20 मिनट तक छत्तीसगढ एक्सप्रेस ट्रेन ट्रक पर ही खडी रही। क्षेत्रीय पुलिस ने बताया कि मृतक के परिजनों को इस हादसे की सूचना दे दी गई है