Agra. अवैध शराब की फैक्ट्री संचालित करने वाले शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस ने एक ओर बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है। सोमवार को पुलिस और एनएचएआई के संयुक्त अभियान के दौरान NHAI पर बने शराब माफिया के अवैध ढाबे को ढहाने का काम किया गया। क्षेत्राधिकारी अछनेरा महेश कुमार की मौजूदगी में एनएच कर्मचारियों ने ढाबे पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त किया गया।
पिछले दिनों अछनेरा थाना क्षेत्र में जयपुर हाईवे पर महुअर गांव के पास स्थित हर्ष ढाबा में नकली शराब बनाई जाने की सूचना पर सीओ अछनेरा महेश कुमार और इंस्पेक्टर अछनेरा उदयवीर सिंह मलिक ने छापा मार कार्यवाही को अंजाम दिया। यहां से छह ड्रम रेक्टीफाइड स्प्रिट, कलर, ढक्कन, क्यूआर कोड और कार्टन बरामद किए। मौके से पुलिस ने यहां काम कर रहे रायभा निवासी रामवीर और महुअर निवासी विष्णु को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की तो एक ओर बड़ा खुलासा हुआ। ढाबे से लगभग 50 मीटर दूर स्थित एक ओर नकली शराब फैक्ट्री संचालित हो रही थी। पुलिस ने इस सूचना पर कार्रवाई की और लगभग 4200 लीटर रेक्टीफाइड स्प्रिट से भरे 21 ड्रम, बनी और अधबनी नकली देसी शराब और कार्टन में पैक्ड मिली, जिसे देखकर पुलिस के भी होश उड़ गए। जिसकी लगभग कीमत लगभग 48 लाख रुपये थी।
इस कार्यवाही के दौरान पुलिस को एक और झटका लगा था। पैक्ड देसी शराब के कार्टन का पुलिस ने जब क्यूआर कोड स्कैन किया तो वह असली निकला। इसको स्कैन करने पर डिस्टिलरी से लेकर रिटेलर तक की पूरी डिटेल आ रही थी। इसके मुताबिक शराब का उत्पादन मुजफ्फर नगर की डिस्टलरी में हुआ और यह बिक्री के लिए रकाबगंज थाना क्षेत्र की एक शराब की दुकान पर आई थी लेकिन जब कार्टन को खोलकर देखा गया तो इसमें फाइटर ब्रांड देसी शराब के पौव्वे निकले। पुलिस ने जब बोतल पर चिपके क्यूआर कोड यूपी एक्साइज स्कैनर एप से स्कैन किया गया तो पौव्वा स्कैन नहीं हुआ। इससे पता चल गया कि यह शराब नकली है। क्योंकि क्यूआर कोड आम आदमी को नहीं मिल सकता। यह विभागीय आनलाइन पोर्टल से सीधे शराब उत्पादक द्वारा ही जनरेट करके बोतल पर लगाया जाता है। क्यूआर कोड आबकारी राजस्व अदायगी का प्रमाण होता है।
पूछताछ में पुलिस को पता चला कि नकली शराब फैक्ट्री में तैयार की जा रही शराब को असली क्यूआर कोड लगे कार्टन में पैक करके रुनकता और बिचपुरी क्षेत्र के शराब ठेकों पर भेजकर बेचा जा रहा है। कार्टन पर असली क्यूआर कोड लगे होने के कारण ये चेकिंग में भी कहीं नहीं पकड़ी जाती थी। इस खुलासे के बाद पुलिस ने नकली शराब फैक्ट्री के आसपास की शराब की दुकानों पर छापेमारी को जारी रखा है।
सीओ महेश कुमार ने बताया कि इस मामले में ढाबा संचालक रायभा निवासी सहदेव, रामवीर, विष्णु, महुअर गांव निवासी हरेंद्र, अनुज व दो अज्ञात लोगों के खिलाफ आबकारी अधिनियम, धोखाधड़ी व कूटरचना की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। नकली शराब फैक्ट्री का संचालन अनुज और सहदेव के द्वारा किया जा रहा था। आज शराब माफिया के एनएचएआई पर बने हर्ष ढाबे को ध्वस्त कराया गया है। शराब माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी।