Agra. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बहुजन समाज पार्टी की ओर से कार्यकर्ता सम्मेलन करना बसपा पदाधिकारियों को भारी पड़ गया है। पुलिस ने बसपा जिला अध्यक्ष समेत लगभग 135 लोगों के खिलाफ कोरोना महामारी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया है। एसएसपी के अनुसार बसपा पार्टी की ओर से इस सम्मेलन के लिए कोई अनुमति नहीं ली और सम्मेलन में कोविड के नियमो की धज्जियां उड़ी है। पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कराए जाने को लेकर बसपा ने इसे राजनीतिक विद्वेष के चलते की गई कार्रवाई बताया है।
मामला मलपुरा थाना क्षेत्र का है। स्वतंत्रता दिवस की संध्या बसपा पार्टी की ओर से सिरौली रोड स्थित श्यामजी गार्डन में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया था। इस सम्मेलन में कई ब्लॉक के कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल हुए थे। सम्मेलन में खाने का भी इंतजाम था, इसलिए भीड़ भी काफी थी। साप्ताहिक बंदी के दिन कार्यकर्ता सम्मेलन की जानकारी किसी ने पुलिस को दे दी। सूचना मिलते ही उप निरीक्षक अनुज सिरोही पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने आयोजकों से आयोजन की अनुमति मांगी, लेकिन बसपाई अनुमति नहीं दिखा सके। इस पर पुलिस ने हिदायत दी और तुरंत कार्यक्रम बंद करने को कहा तो बसपाइयों ने इंकार कर दिया। पुलिस ने तुरंत कार्यक्रम की वीडियो बना ली और उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया।
बिना अनुमति कार्यकर्ता सम्मेलन के आयोजन पर पुलिस की ओर से मलपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। एफआईआर के अनुसार कार्यक्रम में 200 लोग मौजूद थे। कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा था। मंच संचालन के साथ खाने का कार्यक्रम भी था। पुलिस ने वरिष्ठ बसपा नेता गोरेलाल जाटव, बसपा जिलाध्यक्ष विमल कुमार, फूल सिंह, तारा चंद, कप्तान सिंह चाहर, मुकेश प्रधान, दीपू, डा. रामनरेश, श्याम प्रधान, राजकुमार, धर्मेंद्र चाहर अभिषेक, पुरुषोत्तम, राजकुमारी , सतेंद्र व 120 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है।

इस पूरे मामले को लेकर एसएसपी मुनिराज का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है। एक राजनीतिक पार्टी ने बिना अनुमति के ही कार्यक्रम किया था और उस कार्यक्रम में काफी भीड़ थी। कार्यक्रम में कोरोना के नियमों का भी पालन नहीं हो रहा था। बिना अनुमति के कार्यक्रम किए जाने पर महामारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है।
बसपा जिलाध्यक्ष विमल कुमार का कहना है कि राजनीतिक विद्वेष के चलते प्रशासन ने कार्रवाई की है। पिछले रविवार आठ अगस्त को भाजपा ने भी कार्यकर्ता सम्मेलन किया था। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री आए थे। उस दिन भी साप्ताहिक बंदी थी और सम्मेलन में अच्छी खासी भीड़ थी। उस कार्यक्रम की भी अनुमति नहीं थी। प्रशासन उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं करता है।