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बीएसए की जांच में खुली डीपीओ की पोल, बाल विवाह जांच रिपोर्ट में लगाए शैक्षिक प्रमाण-पत्र निकले फर्जी

by admin
BPO's investigation reveals open DPO poll, fake educational certificates found in child marriage investigation report turned out to be fake

आगरा। विश्व सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा दो साल पहले जीआईसी मैदान में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में कुछ नाबालिगों का भी विवाह कराया गया था। महफूज सुरक्षित बचपन के समन्वयक नरेश पारस एवं चाइल्ड लाइन की टीम द्वारा विवाह स्थल पर जाकर उम्र संबंधी दस्तावेज संकलित किए थे जिसके आधार पर कुछ जोड़े नाबालिग लग रहे थे।

नरेश पारस ने इसकी शिकायत राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित से की थी। उन्होंने डीएम को पत्र लिखा था। डीएम ने जांच के लिए तत्कालीन डीपीओ लवकुश भार्गव को नामित किया। उन्होंने जांच में सभी जोड़ों को बालिग बताया। साक्ष्य के तौर पर उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र लगाए। उन शैक्षिक प्रमाण पत्रों का बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापन कराया गया तो तीन छात्र छात्राओं के शैक्षिक प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने पत्र में कहा कि संबंधित टी0सी0 खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापित (मोहर एवं हस्ताक्षर) नहीं हैं। जिससे प्रथम दृष्टया उक्त तीनों टी0सी0 सही/सत्य प्रतीत होने में संदेह उत्पन्न होता है। तीन विद्यालय बंद पाए गए। वह कई वर्ष पूर्व बंद हो चुके हैं।

इस प्रकरण में निर्मला दीक्षित ने कार्यवाई के लिए डीएम को पत्र भेजा है। प्रति निदेशक महिला कल्याण और महिला एवं बाल विकास को भेजी है। पत्र में कहा है कि जिला प्रोबेशन अधिकारी आगरा द्वारा भेजी गई जांच आख्या संदेह के घेरे में है। बाल विवाह को लेकर सरकार बहुत गंभीर है। बाल विवाह रोकने के लिए सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस तरह के समारोहों में बाल विवाह कराकर बाल विवाह को बढ़ावा दिया जा रहा है। उक्त प्रकरण में प्रभावी कार्यवाही की रिपोर्ट 15 दिन में मांगी है।

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