Agra. ताजगंज थाना क्षेत्र के ओम श्री प्लेटिनम अपार्टमेंट में ब्लॉगर रितिका के हुए मर्डर केस में प्रतिदिन चौंका देने वाले मामला सामने आ रहे हैं। रितिका ने अपनी मौत का अंदेशा पहले ही जता दिया था और इसके लिए उसने 12 मार्च को एफआईआर भी दर्ज कराई थी। यह एफआईआर टूंडला थाने में दर्ज कराई गई, जिसमें 4 नामजद और दो अज्ञात शामिल हैं। इस बात का खुलासा अब एक पत्र के माध्यम से हुआ है। इस पत्र को रितिका की हैंड राईटिंग में लिखा हुआ बताया जा रहा है। 28 मार्च को लिखा गया यह पत्र फिरोजाबाद के एसएसपी के नाम है, जिसमें उसने अपनी हत्या की आशंका जताई थी। यह लेटर तेजी के साथ सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
आपको बताते चले कि 24 जून की दोपहर ब्लॉगर रितिका की थाना ताजगंज के ओम श्री प्लेटिनियम अपार्टमेंट में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उसके हाथों को बांधकर बिल्डिंग की चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उस केस में 3 लोगों को हिरासत में लिया है। रितिका की हत्या करने का आरोप उसके पति आकाश गौतम पर है। मगर इस मर्डर मिस्ट्री में कई ऐसे सस्पेंस हैं, जिनसे पर्दा उठना अभी बाकी है। फिलहाल रितिका के हाथ से लिखा हुआ पत्र कई खुलासे कर रहा है जिस पर पुलिस को लीड मिल सकती है। हालांकि पुलिस को अभी तक इस पत्र की हार्ड कॉपी नहीं मिली है।
क्षेत्राधिकारी सदर अर्चना सिंह का कहना है कि उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से एक पत्र मिला है। इसकी जांच करवाई जा रही है। उन्हें अभी उस एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है, जो कि रितिका ने दर्ज करवाई थी। उनकी विवेचना में अगर कोई लीड मिलती है तो उन्हें भी हिरासत में लिया जाएगा।
यह लिखा है रितिका के पत्र में
28 मार्च को रितिका ने फिरोजाबाद के एसएसपी को एक पत्र लिखा था। जिसमें उसने कहा कि एफआईआर के बाद 23 मार्च को उसके मजिस्ट्रेटी बयान हुए थे। एफआईआर में नामित लोगों ने उसे 25 मार्च को मुकदमा वापिस लेने का दबाव बनाकर उसे डराया धमकाया था। उसे जान से मारने या मरवाने की लगातार धमकियां दी जा रही थीं। वह बहुत ही डरी व सहमी हुई थी। उसने लिखा था कि शिकायती पत्र के माध्यम से यह बताना चाहती है कि अगर उसके साथ भविष्य में कोई घटना होती है तो उसके इस पत्र को अंतिम बयान समझा जाए।
12 मार्च को दर्ज कराई थी FIR
रितिका के पत्र में अपराध संख्या 0133/2022 का जिक्र है। यह केस उसने कोर्ट के माध्यम से दर्ज करवाया था। इस केस में चार नामजद व दो अज्ञात शामिल हैं। एफआईआर में उसने अपने पति आकाश गौतम और तीन अन्य को शामिल किया है जो कि विपुल अग्रवाल के परिवारीजन हैं। रितिका अपने पति से अलग होकर विपुल अग्रवाल के साथ पिछले डेढ़ साल से लिव-इन में रह रही थी।
दोनों परिवारों में थी अनबन
रितिका और विपुल अग्रवाल दोनों शादीशुदा थे। रितिका अपने पति आकाश गौतम को छोड़कर विपुल अग्रवाल के साथ लिव-इन में रहती थी। विपुल अग्रवाल शिकोहाबाद का रहने वाला था। उसकी पत्नी एक दंत चिकित्सक है। उसका 10 साल का एक बेटा भी है। रितिका एक ब्लॉगर थी। इंस्ट्राग्राम पर उसके 44 हजार से अधिक फॉलोअर थे। रितिका और विपुल सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से मिले थे। इसके बाद करीब डेढ़ साल से वे दोनों साथ-साथ रह रहे थे। क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह का कहना है कि छानबीन से पता चला है कि दोनों परिवारों के बीच अनबन थी। पुलिस को घटनास्थल से एक बाईक भी बरामद हुई है जो कि विपुल के परिवार की बताई जा रही है।