आगरा। बटेश्वर पशुओं का मेला पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इस मेले का आनन्द लेने के लिए देश-विदेश से पर्यटक भी आते हैं। साथ ही इस मेले से हजारों किसान पशुओं की खरीद फरोख्त करते हैं। पूरे साल इससे जुड़े लोग इसका इंतजार करते हैं, यहां करोड़ों का व्यवसाय होता है। कोरोना काल के ग्रहण के चलते पिछले साल यह आयोजित नहीं हुआ। सपा जिला अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा ने इस बार बटेश्वर मेला को आयोजित कराने की मांग की है, साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है कि कोरोना की दोनों लहर थमने के बाद जब सभी कार्यक्रमों, स्मारकों और आयोजनों को स्वीकृति दी जा रही है तो बटेश्वर मेला पर ग्रहण क्यों लगाया जा रहा है।
समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा ने कहा है कि कि जब ताजमहल सहित अन्य स्मारक खोले जा सकते हैं। आगरा शहर सहित सभी ब्लॉकों और टाउन एरिया में सरकार द्वारा दीवाली मेले लगाए जा रहे हैं कोठी मीना बाजार में भी निजी कंपनी को व्यापारिक मेले की अनुमति दी गयी है तो किसानों और पशुपालक एवं व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात क्यों किया जा रहा है जबकि हजारों की भीड़ वाली राजनैतिक रैलियां लगातार की जा रही है।
मधुसूदन शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में किसान, व्यापारी सभी का काम ठप है रहा। बटेश्वर मेला इनकी आय का जरिया है। ग्रामीण किसान पशुपालक अपने पशुओं की बिक्री यहां करते हैं इससे जिला पंचायत को भी आय होती है। यहां मेला तीन चरणों में पूरा होता है, पहले चरण में ऊँट, घोड़े और गधों की बिक्री होती है, दूसरे चरण में गाय आदि अन्य पशुओं की तथा अंतिम चरण में सांस्कृतिक रंगा रंग कार्यक्रम होते हैं। इस मेले से किसान और व्यापारी वर्ग को आर्थिक आय होने के साथ-साथ काफी फायदा पहुंचता है, साथ ही ग्रामीणों के लिए यह एक उत्सव का माहौल बनाता है। इसलिए हमारी प्रशासन से मांग है कि बटेश्वर मेला को आयोजित कराने की अनुमति दी जाए।
बताते चलें कि बटेश्वर मेला शुरू होने के एक सप्ताह पहले से ही पशु-व्यापारी अपने पशु लेकर यहां पहुंचने लगते हैं। मेले में पशुओं की विभिन्न प्रकार की दौड़ों का आयोजन भी किया जाता है। मेले में खान पान सहित पशुओं के सजावटी सामान की बिक्री भी दुकानदार करते हैं।