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समलैंगिक विवाह मामले में सुनवाई की याचिका स्वीकार करने के विरोध में उतरा बजरंग दल

by admin

Agra. केंद्रीय नेतृत्व के आवाहन पर पूरे देश भर विश्व हिन्दू परिषद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में समलैंगिक विवाह को मान्यता प्रदान करने के लिए याचिका पर चल रहे विमर्श को लेकर बजरंग दल ने अपना विरोध जताया है। बजरंग दल इस याचिका और समलैंगिकता विभाग को कानूनी मान्यता दिए जाने के विरोध में है। इसीलिए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की ओर से आज राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

राष्ट्रपति के नाम को सम्बोधित ज्ञापन में कहा गया है कि सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा समलैंगिकता को लेकर जो याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार की गई है, वह बहुत ही निंदनीय है। केवल भारत ही नहीं समस्त विश्व का मानवीय जगत इस से आहत है। यह याचिका किसी भी प्रकार से सुनवाई के योग्य नहीं थी। भारत में रहने वाला प्रत्येक समाज चाहे वह हिंदू सनातन हो, इस्लाम के अनुयाई हो, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन सभी इसकी घोर निंदा करते हैं, विरोध करते हैं। यह एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है जो मानवीय मूल्यों, संस्कृति, सभ्यता, पर आधारित समाज की परिकल्पना को तहस-नहस करना चाहता है।

विश्व हिंदू परिषद ब्रज प्रांत के प्रांत सह मंत्री मुकेश शुक्ला ने कहा कि अगर समलैंगिक विवाह को कानूनी जामा पहनाया जाता है तो इससे निंदनीय कुछ नहीं हो सकता। इससे तो परिवार नाते-रिश्ते समाज की अवधारणा ही समाप्त हो जाएगी। समलैंगिकता को कानूनी मान्यता की मांग वाली याचिका अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत भारतीय संस्कृति सभ्यता परिवार और परंपरा के मान बिंदुओं तथा परिवार व्यवस्था को तहस-नहस करने का कुत्सित प्रयास है। इससे तो सामाजिक रचना ही छिन्न-भिन्न हो जाएगी।

प्रांत सह मंत्री मुकेश शुक्ला ने कहा कि समलैंगिक व्यवहार अप्राकृतिक है। प्रकृति अर्थात् परमात्मा ने भी इसकी रचना नहीं की है। जीव-जंतु, पशु जगत में भी यह व्यवहार नहीं होता। जिस प्रकार से भारत का सर्वाेच्च न्यायालय लिव इन रिलेशन तथा समलैंगिक विवाह संबंध जैसे अमानवीय और अप्राकृतिक विषयों में अभिरुचि दिखा रहा है वह कहीं से भी ठीक नहीं है। विश्व हिन्दू परिषद इसकी घोर निंदा करता है और मांग करता है कि सर्वाेच्च न्यायालय इस प्रकार की याचिका को तत्काल खारिज करें।

उन्होनें कहा कि इससे पहले भी जिस प्रकार से लिव इन रिलेशन को अधिकार दिया है, वह भी मनुष्य को मानवता और मनुष्यता से तथा समाज को सामाजिक जीवन मूल्यों से नष्ट भ्रष्ट कर राक्षसी और अमानवीय बनाने का प्रयास है। विश्व हिन्दू परिषद मांग करता है कि सर्वाेच्च न्यायालय को समलैंगिकता से संबंधित याचिका पर सुनवाई के निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस लेना चाहिए।

ज्ञापन देने में विहिप के सह प्रान्त मंत्री मुकेश शुक्ल, दिग्विजय नाथ तिवारी, बंटी ठाकुर, विशाल चतुर्वेदी, जितेंद्र, करन गर्ग, ज्ञान सिंह, शिवम, राजीव शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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