आगरा। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के एक बयान से हिंदूवादी संगठनो में रोष व्याप्त है। जिसके चलते महबूब मुफ़्ती के ख़िलाफ़ आक्रोशित हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए आगरा कैंट अटल चौक पर महबूबा मुफ़्ती का पुतला फूंका। हिंदूवादियों ने जमकर नारेबाजी की और सरकार से महबूबा मुफ़्ती के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक प्रेसवार्ता के दौरान बयान दिया था कि जब तक हमारा झंडा वापस नहीं मिल जाता हम दूसरा झंडा नहीं उठाएंगे। महबूबा मुफ्ती की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जम्मू-कश्मीर राज्य का ध्वज लगाया गया था जो कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने से पहले लगाया जाता था। इन दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर में 370 को बहाल करने तक इस संघर्ष को खत्म न करने की बात भी कही थी।
प्रांत सह संयोजक बजरंग दल दिग्विजय नाथ तिवारी का कहना था कि पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर महबूबा मुफ्ती ने देश विरोधी बयान देकर अपना असली चेहरा देश के सामने ला दिया है। महबूबा मुफ्ती को देश से ज्यादा राज्य का झंडा प्यारा है। ऐसे लोग देश की अखंडता के लिए खतरा है। अभी तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शेर महबूबा मुक्ति का पुतला दहन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया है अगर भविष्य में भी महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया तो बजरंग दल का कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा। दिग्विजय नाथ तिवारी ने कहा कि जिन लोगों को देश का झंडा उठाने में शर्म आ रही है उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाए
महानगर गौरक्षा प्रमुख बजरंग दल अनुपम पंडित का कहना था कि तिरंगे को उठाने में पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर महबूबा मुफ्ती को शर्म आ रही है। इस तरह का बयान देकर महबूबा मुफ्ती ने देश का ही नहीं बल्कि उन शहीदों का भी अपमान किया है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए हंसते हुए अपने प्राण त्याग दिए।
विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भारत सरकार से मांग की है कि वह महबूबा मुफ्ती के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उन पर कार्रवाई करें।
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