आगरा। रविवार को मोहब्बत की निशानी ताजमहल को देखने के लिए ताजमहल की सड़कों और उसके प्रवेश द्वार पर सैकड़ों पर्यटक ताज जमा थे लेकिन अचानक हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने आकर एंट्री गेट (ताज के पश्चिमी गेट) पर जमकर तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। अचानक तोड़फोड़ शुरु हो जाने से पर्यटको में भगदड़ मच गयी और पर्यटक सहम गए। हालांकि हिंदूवादी संगठन के इस प्रदर्शन की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय पुलिस मौके पर पहुँच गयी और लोगों को शांत कराकर ताज के गेट से प्रदर्धनकारियों को हटा दिया लेकिन हिंदूवादी संगठन के इस प्रदर्शन से सैलानियों की सुरक्षा पर सवाल जरूर खड़ा कर दिया है।
हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारियों का कहना था कि ताज में एंट्री के लिए पश्चिमी गेट पर ही टिकट काउंटर हैं और उसी के बगल से एक रास्ता बसई घाट की ओर जाता है। जहां लगभग 500 साल पुराना सिद्धेश्वर महादेव मंदिर है। चूंकि ताज में आने वाले पर्यटकों की संख्या ज्यादा होने के कारण वहां बैरिकेटिंग कर दी गयी है। जिससे मंदिर आने वाले लोगों के लिए मंदिर में प्रवेश करना मुश्किल हो गया है।
सिद्धेश्वर महादेव मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संजय दुबे का कहना है कि प्रशासन और एएसआई ने चोरी चुपके मंदिर का रास्ता बंद कर दिया है। मंदिर का रास्ता बंद करने की पहले कोई सूचना भी नहीं दी गयी। इस मामले में जब हमने अधिकारियों को कम्प्लेन की तो कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए हमें यह रास्ता अख्तियार करना पड़ा। उन्होंने कहा किसी भी हालत में मंदिर का रास्ता नहीं बंद होने देंगे।
हिन्दूवादी नेता रवि दुबे का कहना था कि यह हमारी आस्था का प्रश्न है। 500 साल पुराने मंदिर का रास्ता बंद करने का कोई औचित्य नहीं है। हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है। किसी भी तरह से हम मंदिर मार्ग को बंद नहीं होने देंगे। हमें कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं चाहिए।
एसीएम चतुर्थ गरिमा सिंह का कहना है कि जिन लोगों ने भी उपद्रव किया है उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा दोनों पक्षों को सुना जायेगा इसके बाद रास्ते पर कोई फैसला लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि नियमों की अनदेखी करके रास्ता बंद किया गया है तो उस पर विचार किया जायेगा। हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है