आगरा। मंगलवार देर रात फोर्ट डिपो के एआरएम जयकरण सिंह ने फोर्ट डिपो का औचक निरीक्षण किया। औचक निरीक्षण में एआरएम ने जो देखा उसके बाद उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। ड्यूटी पर तैनात अधिकतर कर्मचारी आराम से फोर्ट डिपो में सो रहे थे। फोर्ट डिपो का गार्ड जिस पर डिपो की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वो कुर्सियों पर पैर रखकर आराम फरमा रहा था तो अन्य कर्मचारी भी रेस्टरूम में तख्त पर सो रहे थे। विभाग का बाबू संतराम जिसकी ड्यूटी शाम को 4 बजे शुरू होती है और सुबह 8 बजे तक चलती है वो आईएसबीटी के पूछताछ कक्ष के अन्दर लाईट बन्द कर सोता हुआ मिला। यह तो कुछ भी नही, जब एआरएम ने ड्यूटी पर तैनात फोरमैन से अन्य कर्मचारियों के बारे के पूछा तो फोरमैन भी सकते में आ गया, क्योंकि कुछ कर्मचारी ड्यूटी खत्म किये बिना ही घर चले गए जबकि सभी की ड्यूटी सुबह तक की थी। एआरएम फोर्ट डिपो ने इस औचक निरीक्षण की वीडियो भी बनवाई जिससे कोई कर्मचारी झूठ बोलकर बच न सके।
फोर्ट डिपो के एआरएम की इस कार्यवाही से 2018 का मामला भी सामने आया। इस कार्यवाही के दौरान संतराम नाम के कर्मचारी को मंगलवार रात ड्यूटी पर सोते हुए पकड़ा है वो 17 सितंबर 2018 को भी नाईट ड्यूटी में सोता हुआ मिला था और उसकी वीडियो भी वायरल हुई थी। संतराम ने अपने इस अपराध को छुपाने के लिए विभाग के ही एक कर्मचारी पर आरोप लगाया था कि कर्मचारी प्रमोद श्रीवास्तव ने उसे नशीले पदार्थ वाली चाय पिलाई थी जिससे वो सोता रहा। इस मामले में एआरएम ईदगाह जांच कर रहे हैं जबकि इस मामले में संतराम ने कोई मेडिकल व चिकित्सीय इलाज नहीं कराया था।
इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश रोडवेज इम्प्लॉइज यूनियन फोर्ट डिपो के संयोजक का कहना था कि मंगलवार एआरएम फोर्ट ने देर रात औचक निरीक्षण कर कर्मचारियों की करतूत देख ली है। अधिकतर नाईट कर्मचारी ड्यूटी पर सोते हुए मिले है और इनमे कर्मचारी संतराम भी शामिल है जो सितंबर 2018 में भी ड्यूटी के दौरान सोता हुआ मिला था। बताया जाता है कि संतराम पर एक यूनियन नेता का हाथ है जो अपने प्रभाव से लगातार इसे बचाता रहा है लेकिन अब तो खुद एआरएम ने उसे सोते हुए पकड़ा है।

संतराम के पकड़े जाने पर एक बार फिर उसी नेता ने लामबंदी करना शुरू कर दिया है जिससे संतराम को बचाया जा सके लेकिन एआरएम कि इस कार्यवाही से 2018 में जो आरोप लगे वो गलत साबित हो गए है।
इस पूरे मामले को लेकर एआरएम आगरा फोर्ट गंभीर नजर आ रहे है। सूत्रो की माने तो जो कर्मचारी ड्यूटी में लापरवाही व सोते हुए मिले है उन पर कार्यवाही होगी। फिलहाल कुछ भी हो लेकिन इस मामले को लेकर विभागीय राजनीति गर्माने लगी है देखना होगा कि एआरएम विभागीय राजनीति का शिकार होंगे या फिर वास्तव में लापरवाह कर्मचारियों पर कार्यवाही होगी।