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दो तिहाई आबादी में एंटीबॉडी विकसित, 40 करोड़ लोगों पर मंडरा रहा कोरोना का खतरा

by admin
Antibodies developed in two-thirds of the population, the danger of corona hovering over 400 million people

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने 21 राज्यों के 70 जिलों में जून-जुलाई महीने में किए गए चौथे सीरो-सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दी है। सीरो रिपोर्ट के मुताबिक देश की 67 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी का विकास हुआ है। यानी ये आबादी संक्रमित हो चुकी है और वायरस को बेअसर करने के लिए इन लोगों के शरीर में जरूरी एंटीबॉडी विकसित भी हो चुकी है। खास बात यह है कि इनमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। साथ ही स्कूल खोले जाने के सवाल पर आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव का कहना है कि स्कूल खोले जा सकते हैं, क्योंकि छोटे बच्चों में एडल्ट्स की तुलना में संक्रमण का खतरा कम बना हुआ है।

वहीं यूरोप के कई देशों में बढ़ते कोरोना के मामलों के बावजूद भी स्कूल खोले गए ऐसे में सुझाव दिया गया है कि शुरुआती दौर में प्राइमरी स्कूल खुलने चाहिए, इसके बाद सेकेंडरी स्कूलों को खोलने पर विचार किया जा सकता है।डॉ. भार्गव ने बताया कि एडल्ट्स की तुलना में छोटे बच्चे वायरस को बहुत आसानी से हैंडल कर सकते हैं क्योंकि छोटे बच्चों के लंग्स में वे रिसेप्टर्स कम होते हैं, जहां वायरस अटैक करता है। इस दौरान यह भी सुझाव दिया गया कि अगर स्कूल खुलते हैं तो सभी टीचर्स और स्टाफ को वैक्सीनेटेड होना चाहिए। वहीं कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह पालन भी करना होगा। बहरहाल यह निर्णय जिला और राज्य स्तर पर लिया जाएगा और कई फैक्टर्स पर निर्भर होगा। बता दें स्कूल से जुड़े सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने जरूरी होगी ताकि महामारी का सामना ना करना पड़े।

आगे डॉ. बलराम भार्गव ने सर्वे के नतीजे जारी करते हुए कहा कि देश की दो-तिहाई आबादी में कोविड एंटीबॉडी पाई गई है। इसके बावजूद भी 40 करोड़ आबादी पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। वहीं सीरो सर्वे में शामिल 6 से 17 साल के आधे से ज्यादा बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है। इसका मतलब यह भी है कि दूसरी लहर में संक्रमण ने बच्चों को भी प्रभावित किया है।चौथे सीरो सर्वे के विषय में जानकारी देते हुए डॉ. भार्गव ने कहा, “चौथे सीरो सर्वे में 6 से 17 साल के 28,975 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें 6 से 9 साल के 2,892 बच्चे, 10 से 17 साल के 5,799 बच्चे और 18 साल से ऊपर के 20,284 लोग शामिल हैं। 18 साल से ऊपर वालों में से 62% लोगों ने वैक्सीन नहीं ली थी, जबकि 24% लोगों ने एक डोज और 14% लोगों ने दोनों डोज ली थी।”

सीरो सर्वे में 12607 उन लोगों को भी शामिल किया गया जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी। जबकि 5038 ऐसे लोग थे जिन्होंने एक डोज ली थी। वहीं 2631 ऐसे लोग थे जिन्होंने दोनों डोज लीं थीं। सर्वे में दोनों डोज लेने वाले 89.8 फीसदी में एंटीबॉडी पाई गई। वहीं, एक डोज लेने वाले 81% में एंटीबॉडी मिली। इसके अलावा जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी, ऐसे 62.3% लोगों में ही एंटीबॉडी मिली।69.2% महिलाओं और 65.8% पुरुषों में कोविड से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पाई गई ‌।वहीं शहरी इलाकों में रहने वाले 69.6% और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 66.7% में एंटीबॉडी मौजूद मिली। अगर बात करें बच्चों की तो 6 से 9 साल तक के 57.2 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी मौजूद मिली जबकि 10 से 17 साल के 61.6 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई।

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