आगरा। यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर पहले ही योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है लेकिन छेड़छाड़ के आरोपियों द्वारा गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की गोलीमार की गई हत्या की घटना के बाद एक बार फिर यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए है, पुलिस की लापरवाही और ढिलाई के चलते ही हत्यारोपियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
गाजियाबाद में हुई घटना से पूरे देश के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है, आगरा में भी पत्रकारों ने इस घटना की निंदा करते हुए इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के साथ महाराष्ट्र की तर्ज पर पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग उठाई। सभी पत्रकार एकत्रित होकर डीएम आगरा प्रभु एन सिंह के कैम्प कार्यालय पहुंचे और राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन दिया।
पत्रकारों का कहना था कि पत्रकार समाज में हो रहे गलत कामों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली के साथ सरकारी योजनाओं सहित तमाम तरह के मुद्दे को लेकर समाज की आवाज़ बनता है, लेकिन जब गाजियाबाद जैसी घटना सामने आती है तो खुद से ज्यादा अपने परिवार की भी चिंता सताने लगती है। गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी ने अपने भाँजी से छेड़छाड़ की घटना को लेकर पुलिस से कार्यवाही की मांग की लेकिन इंसाफ की जगह पत्रकार को मौत मिली। इसलिए आगरा के पत्रकारों ने राज्यपाल से पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग की है।
ज्ञापन देने वाल पत्रकारों में अनुपम पांडे, पंकज गुप्ता, शिव चौहान, कपिल अग्रवाल, गौरव बंसल, संजय सिंह, शोभित चतुर्वेदी, अरुण शर्मा सहित कई पत्रकार शामिल रहे।