Agra. गुरुवार को जिलाधिकारी पीएन सिंह तहसील बाह के ग्राम गुही पहुँचे। यहाँ पर जिलाधिकारी पीएन सिंह ने कोरोना संक्रमण से अपने शिक्षक माता-पिता को खोने वाले बालक विदित एवं विराट से मुलाकात की। इस दौरान जिलाधिकारी ने दोनों बालकों से वार्ता कर उनका हालचाल जाना। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली बाल सेवा योजना से दोनों बालकों को लाभान्वित कराये जाने को लेकर जिलाधिकारी खुद पहुँचे थे और कागजी कार्यवाही शुरू कराई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड काल (मार्च 2020 से) में अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों के जीवन को संवारने के लिए तैयार मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के साथ ही इसे धरातल पर उतारने में प्रशासन मुस्तैदी से जुट गया है। इसके तहत बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
आपको बताते चले कि कोरोना संक्रमण की महामारी के बीच गुही (बाह) के प्राइमरी स्कूल में तैनात शिक्षामित्र टिंकी भदौरिया और पति हरविंद सिंह भदौरिया (42) की मौत हो गयी थी। कोरोना के कारण चार दिन के भीतर माता-पिता का साया छिनने से उनके दोनों बेटे विदित (15) और विराट (12) अनाथ हो गए। परिवार में मातम पसरा हुआ है। इस घटना के बाद से दोनों बालकों के लालन पोषण के साथ-साथ उनकी शिक्षा पर भी संकट आ गया था।
ऐसे बच्चों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरु की है। इस योजना को आगरा में भी धरातल पर उतारने और ऐसे बच्चों को लाभान्वित करने का कार्य शुरू हो गया है।