आगरा। तूफान का खतरा अभी टला नहीं था कि गुर्जर आंदोलन की दस्तक सुनाई देने लगी। राजस्थान में गुर्जरों की लंबित पड़ी मांगों की आग सुलगने लगी है जो कभी भी बड़ा आंदोलन का रूप ले सकती है। गुर्जरों के आंदोलन से सबसे ज्यादा असर रेलवे पर देखने को मिलता है। इस आंदोलन से रेलवे ट्रैक और सड़क यातायात पूरी तरह से बाधित हो जाता है। जिसकी सुबगुहाट होने लगी है।
आपको बताते चले कि पांच फीसद आरक्षण की मांग को लेकर एक दशक से गुर्जरों का आंदोलन चल रहा है लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं हुई है। इसलिए एक बार फिर गुर्जर समाज ने अपनी मांगो को लेकर हुंकार भर ली है और रेल रोको आंदोलन का एलान कर दिया है। ये आंदोलन भरतपुर के बयाना अड्डा गांव से शुरु होगा। बयाना सेक्शन जो दिल्ली मुंबई को जोड़ता है। गुर्जर आंदोलन का सीधा असर आगरा फोर्ट बयाना मार्ग पर पड़ता है।
आगरा कैंट आरपीएफ इंस्पेक्टर का कहना है कि गुर्जर आंदोलन का अलर्ट मिला है, जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की जा रही है। बयाना सेक्शन कंट्रोल रूम के स्टाफ को इस अलर्ट की जानकारी दी गई है। पिछले साल हुए गुर्जर आंदोलन में रेलवे को काफी नुकसान हुआ था। कई ट्रेन प्रभावित हुई थी। ट्रैक उखाड़ दिए गए थे। गुर्जर आंदोलन के एलान को देखते हुए रेलवे पुलिस ने सुरक्षा को बढ़ाया है।
आगरा रेल मंडल को एक तरफ गुर्जर आंदोलन तो दूसरी तरफ तूफान से सतर्क रहने का अलर्ट मिला है। जिससे रेलवे में भी हड़कंप है। आगरा रेल मंडल डीसीएम डॉ. संचित त्यागी का कहना है कि रेलवे सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। कर्मचारियों को अलर्ट पर रखा गया है। पूरे स्टाफ को बताया गया है कि किस तरह रिएक्ट करना है। वहीं तूफान के संभावित खतरे को देखते हुए 10 से 15 दिनों का अलर्ट जारी कर दिया है। जिससे रेलयात्रियों को किसी तरह की दिक्कत ना हो।