आगरा। शहर में भले ही इस समय किसी तरह का चुनाव नही होना है लेकिन आगरा की राजनीति पूरी तरह से गर्मा रही है। इसका मुख्य कारण इस समय मुगल म्यूजियम बना हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम रखे जाने की घोषणा की थी, इस संबंध में उन्होंने इस बारे में ट्वीट भी किया जिसके बाद से ही मुगल म्यूजियम के नाम पर राजनीति शुरू हो गई है। अग्रवाल समाज की तरफ से यह मांग की गई है कि मुगल म्यूजियम का नाम शिवाजी के नाम पर नहीं बल्कि महाराजा अग्रसेन के नाम पर किया जाए। इसको लेकर महाराजा अग्रसेन यूथ ब्रिगेड की ओर से प्रेसवार्ता की गई और सरकार के सामने समाज की इस मांग को रखा गया।
महाराजा अग्रसेन यूथ ब्रिगेड के संरक्षक विनोद बंसल ने कहा कि 5 हजार सालों से आगरा अग्रवालों की राजधानी रही है। आज से 5 हजार साल पहले जब महाराजा अग्रसेन की राजधानी अग्रोहा थी तो उन्होंने अपने छोटे भाई महासेन को आगरा प्रांत का मुखिया बनाकर भेजा था। महाराजा अग्रसेन का काल समानता, समरसता और सामाजिक न्याय का स्वर्ण काल था। ऐसे में पिछले 5 हजार सालों से आगरा अग्रवाल समाज का सबसे बड़ा केंद्र रहा है। इसलिए सरकार को अग्रवालों का सम्मान करते हुए प्रस्तावित शिवाजी म्यूजियम का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखना चाहिए।
महाराजा अग्रसेन यूथ ब्रिगेड के संरक्षक विनोद बंसल ने कहा कि उन्हें अन्य किसी के नाम से आपत्ति नहीं है लेकिन आगरा में अग्रसेन महाराज को वह सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए। ऐसे में उनके नाम पर इस म्यूजियम को रखा जाए। उन्होंने कहा कि आगरा में पहले से ही शिवाजी के नाम से मूर्ति और चौक भी हैं।
महाराजा अग्रसेन यूथ ब्रिगेड के दूसरे संरक्षक गोविंद अग्रवाल ने भी सरकार से यही मांग रखते हुए कहा कि म्यूजियम का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखा जाए क्योंकि वोट हो या किसी भी आर्थिक मदद की जरूरत हो, अग्रवाल समाज हमेशा से बीजेपी के साथ खड़ा रहा है। ऐसे में अग्रवाल समाज के साथ न्याय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से आगरा में निवास करने वाले 5 लाख वैश्य परिवारों के साथ न्याय होगा। उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लफ्जों में यह भी कहा अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता तो वह आगे आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे।
इससे पहले अखिल भारतीय जाट महासभा की तरफ से भी सरकार से मांग की जा चुकी है कि प्रस्तावित शिवाजी महाराज म्यूजियम का नाम महाराजा सूरजमल के नाम पर रखा जाए क्योंकि मुगलों से लोहा लेने में सूरजमल ने एक अहम भूमिका निभाई थी।