भारत का राष्ट्रगान (National Anthem) जिसे 27 दिसंबर वर्ष 1911 में पहली बार गाया गया था। इस गीत को रवींद्र नाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने बंगाली भाषा (Bengali) में लिखा था। यह गीत 28 नवंबर को अंग्रेजी अखबारों की सुर्खियों में छाया रहा था। संविधान सभा (Constituent Assembly) ने राष्ट्रगान (National Anthem) के हिन्दी संस्करण को 24 जनवरी वर्ष 1950 में भारतीय राष्ट्रगान के रूप में अपनाया था।
अभी हाल ही में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swami) ने राष्ट्रगान में बदलाव के लिए पीएम मोदी (PM Modi) को एक पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र (Letter) को ट्विटर (Twitter) पर शेयर भी किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि ‘राष्ट्रगान जन गण मन को संविधान सभा में सदन का मत मान कर अंगीकृत कर लिया गया था। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के आखिरी दिन प्रेसिडेंट राजेंद्र प्रसाद (President Rajendra Prasad) ने बिना मतदान के ही जन गण मन को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार कर लिया था। हालांकि उस समय उन्होंने शब्दों में बदलाव के लिए भविष्य की संसद (Parliament) के हवाले छोड़ दिया था लेकिन उस समय आम सहमति की जरूरत थी। यहां तक कि कई लोगों का उस समय मानना था कि राष्ट्रगान को लागू करने से पहले इस पर चर्चा होनी चाहिए। खास बात यह है कि अपना राष्ट्रगान सन 1912 में कांग्रेस अधिवेशन में ब्रिटिश राजा के स्वागत में गाया गया था जिसके चलते कई लोगों को आपत्ति हो सकती थी।’
उन्होंने कहा कि उस दौर में डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सदस्यों की भावनाओं को समझते हुए भविष्य की संसद पर इस काम को छोड़ दिया था। हालांकि अभी राष्ट्रगान (National Anthem) में धुन से छेड़छाड़ किए बिना शब्दों में बदलाव लाने के लिए प्रस्ताव लाने की अपील की है। इसके साथ ही सुब्रमण्यम स्वामी ने सुझाव देते हुए कहा है कि सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) द्वारा किए गए बदलाव को स्वीकार किया जा सकता है।