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झरना नाला जैसा बस हादसा होने से बचा, देखिये कैसे लटक गई यात्रियों से भरी बस

by admin

मथुरा। यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसेे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सोमवार तड़के सुबह बलदेव थाना क्षेत्र में हुए बस हादसे ने एक बार फिर आगरा के झरना पुल हादसे की खौफनाक तस्वीर लोगों की आंखों के सामने ला दी।

झांसी के बबीना से दिल्ली जा रही प्राइवेट बस डिवाइडर पर चढ़ते हुए पुल पर लटक गई। इससे बस यात्रियों की सांसें अटक गईं। जिसने भी इस हादसे को देखा उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। गनीमत यह रही कि बस डिवाइडर से नीचे नही गिरी नही तो बड़ा हादसा हो सकता था। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुँची पुलिस ने लोगों की मदद से यात्रियों को बाहर निकाला और घायलों को तुरंत इलाज के लिए पास के ही अस्पताल में भर्ती करा दिया।

बताया जाता है कि सोमवार सुबह झांसी के बबीना से यमुना एक्सप्रेस वे से होती हुई एक प्राइवेट बस दिल्ली की ओर जा रही थी। अचानक से ड्राइवर को झपकी लगी और बेकाबू होने पर बस डिवाइडर से टकराकर अंडरपास पुल में लटक गई। सुबह का वक्‍त होने के कारण सभी सवारियां नींद के आगोश में थीं लेकिन मथुरा के माइल स्टोन 125 के समीप हुए इस हादसे ने सभी की नींद उड़ा दी। इस घटना में लगभग एक दर्जन यात्री घायल हो गए। गनीमत रही कि बस नीचे नहीं गिरी। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

हादसे के चलते बस में चीख पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने जैसे ही हादसा होते देखा फौरन मदद के लिए दौड़ लगाई और स्‍थानीय पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्‍थानीय लोगों की मदद से घायलों को बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया।

बताया जाता है कि बस में करीब 40 यात्री सवार थे। सभी दिल्ली के रहने वाले हैं। बबीना में किसी कार्यक्रम में भाग लेने के बाद दिल्ली लौट रहे थे। ड्राइवर का नाम सतीश कुमार पुत्र निरी सिंह है, जो 174 मुंशीराम कॉलोनी मुखर्जी नगर दिल्ली का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि नींद की झपकी आने से यह हादसा हुआ है।

इस हादसे में बस में सवार विजेंद्र सिंह बेदी पुत्र प्रेम सिंह, गुरमीत पुत्र विजेंद्र सिंह बेदी, हरमिंदर पुत्र विजेंद्र सिंह बेदी, शारदा पत्नी रमेश, ओम प्रकाश पत्नी सामू, छोटू पुत्र जगदीश, संजीव पुत्र जगदीश, बिपाशा पुत्री विजेन्द्र सिंह बेदी, रवि सारस्वत पुत्र वेद प्रकाश निवासीगण द्वारका दिल्ली घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल संजीव सहित तीन लोगों को नयति अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि अन्य घायलों को अन्य अस्पतालों में भेजा गया है जहाँ संजीव की हालत चिंताजनक बताई गई।

फिलहाल इस घटना को जिसने देखा उसकी रूह तक कांप गई और झरना नाली वाला मंजर सभी के सामने आ गया लगातार हादसों को रोकने के लिए सरकार और संबंधित विभाग ठोस कदम तो उठा रहे हैं लेकिन वह नाकाफी ही नजर आ रहे हैं। क्योंकि कुछ हादसे लोगों की नासमझी के कारण हो रहे हैं।

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