आगरा। कोरोना की दूसरी लहर के कहर से जूझ रही बेहाल आम जनता की अब महंगाई से कमर टूट रही है।पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दाम सितम ढा रहे हैं। घी, सरसों के तेल, दाल व चाय आदि खाद्य पदार्थों के भी दाम काफी बढ़ चुके हैं। महिलाओं का कहना है कि लगातार बढ़ रही महंगाई से रसोई का बजट बिगड़ चुका है। हर माह 4000 से 5000 रुपये का आने वाला राशन अब 5000 से 6000 रुपये में पड़ रहा है। गैस सिलिंडर की कीमतों में वृद्धि ने मुश्किल को और बढ़ा दिया है।
जून में 8 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। 4 मई के बाद से अब तक 24 बार ईंधन के दाम बढ़े हैं। इस दौरान पेट्रोल 6.01 रुपये प्रति लीटर और डीजल 6.56 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है। पेट्रोल व डीजल के रेट बढ़ने से दो पहिया व चार पहिया वाहनों से चलने वाले लोगों पर भी असर पड़ा है। कोरोना की मार से पहले ही आर्थिक मंदी से जूझ रहे लोग पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के कारण परेशान हो चले हैं।
डीजल के बढ़ते दाम के चलते ट्रांसपोर्ट पर भी असर आया है। इसके चलते दूसरे प्रदेशों व शहरों से माल ढुलाई का किराया भी बढ़ गया है। इसका सीधा असर घरेलू जरूरी सामान पर पड़ा है। डेढ़ माह पहले तक सरसों का तेल 120 रुपये प्रति लीटर था, जबकि वर्तमान में इसका रेट 180 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। अरहर की दाल 100 रुपये से 120 रुपये किलो तक पहुंच गई है।