आगरा। 13 जून को मैनपुरी जनपद में हुए हृदयविदारक सड़क हादसे ने सभी को झकझोर के रख दिया है। दुर्घटनाग्रस्त हुई डबलडैकर बस में सवार 17 यात्रियों की मौत हो गई और 30 यात्री घायल हो गये। यह सड़क हादसा बस के ड्राईवर को झपकी आने के कारण से हुआ। ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए सरकार को संवेदनशील बनना होगा। आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन (एडीएफ) के सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता के0सी0 जैन ने सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित अपने अनेक सुझाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दिए है जिससे आये दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
एडीएफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो सुझाव दिए है वो इस प्रकार है।
1- वाहन चालकों के लिए एक आदर्श आचार संहिता बनाई जाये, जिसमें उनके लगातार वाहन चलाने, आराम करने, सोने, आँखों की जाँच, दवाईयाँ व शराब इत्यादि से सम्बन्धित स्पष्ट दिशा-निर्देश हों।
2- हवाई जहाज की तर्ज पर प्रत्येक कार में ब्लैक-बॉक्स जैसे यंत्र की सुविधा उपलब्ध कराई जाये। जिसमें गाड़ी की स्पीड और अन्य मुख्य नियंत्रणों की रिकॉर्डिंग दर्ज हो सके। यह उपकरण दुर्घटना के कारणों की जाँच में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
3- सभी व्यवसायिक वाहनों में आगे की ओर रिकॉर्डिंग की सुविधा से युक्त एक कैमरा लगा होना चाहिए जिसका मुख वाहन चालक की सीट की ओर हो और उक्त कैमरे को ब्लैक-बॉक्स की सुविधा प्रदान करने वाले यंत्र से संबद्ध किया जाना चाहिए। ऐसे कैमरे दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में अत्यन्त सहायक सिद्ध होंगे।
4- प्रत्येक सड़क/हाईवे के ब्लैक स्पॉट्स (सड़क के ऐसे स्थान जहाँ दुर्घटना होने की सर्वाधिक संभावना है) को भी चिन्हित किया जाये और उन ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने के लिए भी कारगर कदम उठाये जायें।
5- सम्बन्धित सड़क एजेन्सी के लिए यह अनिवार्य किया जाये कि वह अपने नियंत्रण में आने वाली प्रत्येक सड़क का वार्षिक ऑडिट किसी मान्यता प्राप्त एजेन्सी (जैसे-सीआरआरआई, आईआईटी आदि) से करायें और जिससे जिन सड़कों में पाई गई कमियों को दूर किया जा सके।
6- नेशनल ग्रीन टिब्युनल (एनजीटी) की तर्ज पर नेशनल रोड ट्रिब्युनल (एनआरटी) का गठन किये जाने की भी अत्यन्त आवश्यकता है। जहाँ पर सड़क की दोषपूर्ण बनावट व डिजाइन से सम्बन्धित मामले, सड़कों के खराब रखरखाव, सड़कों के ब्लैकस्पॉट्स तथा सड़क व ट्रैफिक से जुड़े अन्य बड़े मामलों को ले जाया जा सके और उनका सार्थक निराकरण सम्भव हो सके।
7- व्यवसायिक एवं यात्री वाहनों की ओवरलोडिंग की जाँच प्रत्येक टोल प्लाजा पर अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। नियम तोड़ने वाले किसी भी वाहन को बिना जुर्माना भरे और उचित कार्यवाही किये बगैर आगे बढ़ने की इजाजत न दी जाये।
8- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जो हाईवे व एक्सप्रेसवे पर गतिसीमा को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया गया है उसे कम किया जाए।
9- सभी मोटर वाहन चालकों के लिए स्मार्ट कार्ड लाईसेन्स होना चाहिए, जिसमें चिप लगी हो ताकि चालक का पूर्ण विवरण व हादसों का विवरण उसमें उपलब्ध रहे। जो भी चालान हों वे स्मार्टकार्ड को स्वैप करके ही होने चाहिए
10- हमारे देश में घिसे हुए टायरों के प्रयोग पर रोक नहीं है, जिसके कारण अनेक कॉमर्शियल व निजी वाहन घिसे हुए टायरों का प्रयोग करते हैं जो घर्षण के कारण वायु प्रेशर बढ़ जाने से फट जाते हैं, जिससे बड़े हादसे यमुना एक्सप्रेसवे व लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सामने आये हैं। इनको देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप घिसे हुए टायरों पर रोक लगाया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
एडीएफ सचिव के0सी0 जैन द्वारा यह भी मांग की गई कि मोटर वाहन अधिनियम एवं इण्डियन पीनल कोड में अब परिवर्तन किया जाना चाहिए ताकि सड़क हादसों के दोषी को और अधिक कड़ा दण्ड दिया जा सके।