Agra. एक मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और वह जीत भी गया। मानसिक रूप से विक्षिप्त प्रत्याशी के जीतने के बाद क्षेत्र में बवाल चल रहा है। कुछ लोगों ने इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से की है और मानसिक रूप से विक्षिप्त प्रत्याशी के जीत का प्रमाण पत्र कैंसिल कराये जाने की मांग की है।
मामला आगरा के जैतपुर ब्लॉक का है। बताया जाता है कि इस ब्लॉक से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव प्रभाकर नामक व्यक्ति ने लड़ा है जो जीत भी गया है लेकिन यह प्रत्याशी मानसिक रोगी है जिसका इलाज आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में चल रहा है। प्रत्याशी ने अपने मानसिकता अस्वस्थ होने की बात को चुनाव आयोग व निर्वाचन कर्मचारियों से छिपाई जबकि मानसिकता अस्वस्थ होने के प्रमाण पत्र भी उसके परिवार के पास है। अब क्षेत्र पंचायत सदस्य के बाद मानसिक विक्षिप्त ब्लॉक प्रमुख की दावेदारी कर रहा है।
शिकायतकर्ता कैलाश ने बताया कि जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने आगरा के निर्वाचन अधिकारी को इसकी शिकायत दी है, साथ ही आगरा के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान से भी आरटीआई के माध्यम से इसके इलाज के कागजात मांगे हैं। शिकायतकर्ता कैलाश और अन्य ग्रामीणों ने निर्वाचन अधिकारी से इस विक्षिप्त विजेता प्रत्याशी के जीत का प्रमाण पत्र कैंसिल करने की मांग की है, साथ ही इसने अपने आज स्वस्थ व मानसिक रोगी होने के जो प्रमाण पत्र चुनाव आयोग से छुपाए हैं उसकी शिकायत भी चुनाव आयोग में करने की मांग की है।
बड़ा सवाल यह भी है कि आखिरकार मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति इतनी बड़ी चाल कैसे चल गया और चुनाव निर्वाचन कर्मचारियों की आंखों में धूल झोंककर चुनाव कैसे लड़ गया।
ग्रामीणों का कहना है कि जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने वाला प्रभाकर मानसिक रूप से अस्वस्थ है और झगड़ालू स्वभाव का है। उसने हाल ही में अपने भाई को भी गोली से मारने की कोशिश की थी। चुनाव भी वह अपने झगड़ालू व दबंगे के स्वभाव के कारण ही जीता है। लोगों का कहना है कि अगर इस तरह का जनप्रतिनिधि उनका होगा तो क्षेत्र का विकास क्या होगा।