आगरा। हिंदी साहित्य के अनन्य उपासक एवं वरिष्ठ साहित्यकार 87 वर्षीय डा.राजेंद्र मिलन ने अपने लेखन से एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। आज भी देश भर में उनकी धाक जमी हुई है। 87वर्ष की अवस्था में भी वे युवकोचित साहस करते हैं।
लीडर्स आगरा परिवार ने आज ‘‘मिलन मंजरी’’ आजाद नगर स्थित उनके निज निवास पर लीडर्स आगरा के साप्ताहिक कार्यक्रम “चलें शहर को समर्पित, बुजुर्ग विभूतियों के घर, उनका अभिनंदन एवं चरण वंदन करने” अभियान संचालित किया हुआ है। इसके अंतर्गत डा. मिलन के खंदारी स्थित आवास पर जा कर उनका अभिनंदन किया गया। यह स्थल साहित्यकारों का गुरुकुल रहा है। मिलन जी का शाल ओढ़ा कर, इलायची की भव्य माला पहना कर उन्हें लीडर्स आगरा के महामंत्री एवं पूर्व पार्षद सुनील जैन ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर उनको कार्यक्रम से प्रभावित होकर आगरा के मूल निवासी जेल अधीक्षक बी. एस. मुकुंद के निर्देश पर फतेहगढ़ जिला जेल के बंदियों द्वारा हस्तनिर्मित केसरिया पटका पहनाकर बंदियों की भावनाओं से भी अभिनंदित किया। सुनील जैन ने कहा कि एक लंबें अरसे से साहित्य की सेवा कर रहे डा.मिलन का पहली कृति क्षण भर ठहरो प्रकाशित हुई थी, उसके बाद 80 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। एक पुस्तक पर एक लाख से अधिक रायल्टी प्राप्त हो चुकी हैं। एक पुस्तक का विमोचन स्वप्न सुंदरी वर्तमान में मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने किया था। डा. मिलन अजल नाम से एक नई विधा का सृजन किया है, जो बहुत ही लोकप्रिय होती जा रही।
डा.मिलन ने अपने सम्मान के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि लीडर्स आगरा के इस अभियान का उद्देश्य है कि नई पीढ़ी अपने बुजुर्गों को सम्मान करे। उनके यश से अवगत हो। साथ ही आसपास रहने वालों को भी साहित्यकारों के यश के बारे में जानकारी हो।
कार्यक्रम संयोजक एवं लीडर्स आगरा के महामंत्री सुनील जैन, लीडर्स आगरा के संरक्षक आदर्श नंदन गुप्ता, निशिराज जैन, कवि रामेन्द्र शर्मा, स्वीटी चैहान, अंजलि गुप्ता, आयुषी गुप्ता, राहुल जैन, रवि गिड़वानी, सोनू प्रजापति, डॉ अशोक कुशवाह, एस. के बग्गा, नीरज मिलन, विकास शाक्यवार, राजकुमार जैन आदि मौजूद रहे।