आगरा। विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की समस्या समाधान के लिए पिछले 15 दिन से धरने पर बैठे एनएसयूआई कार्यकर्ता अब भूख हड़ताल पर चले गए हैं। अंकतालिकाओं की गड़बड़ियों को सही करने से लेकर एजेंसी की ओर से आ रही दिक्कतों को खत्म करने सभी पिछले परिणाम घोषित करने के साथ साथ विभिन्न संस्थानों में वाई-फाई की सुविधा देने, पीएचडी का एग्जाम कराने जैसी 10 समस्याओं को लेकर यह छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
धरना प्रदर्शन करने के साथ-साथ एक बार राज्यपाल को अपने खून से भी खत लिख चुके हैं लेकिन अभी तक इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैए से नाराज छात्रों ने मंगलवार को भूख हड़ताल शुरू कर दी है। पहले छात्रों ने कुलपति वापस जाओ के नारे लगाएं और विश्वविद्यालय की स्थिति की सुधार की मांग की।
भूख हड़ताल पर बैठे सतीश सिकरवार का कहना है जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी वह अपने इस आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे और उनकी भूख हड़ताल लगातार जारी रहेगी। वहीँ ललित त्यागी ने कहा कि कुलपति विश्वविद्यालय के मुखिया होते हैं और सभी छात्रों के अभिभावक हैं लेकिन वह मनमानी रवैया से काम कर रहे हैं और गलत निर्णय लेते हुए कुछ स्कूलों को फायदा दे रहे हैं तो वहीं सैकड़ों हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसके बावजूद भी वह छात्रों से बात करने को तैयार नहीं है जिसके चलते अब छात्र अपनी इस लड़ाई को आर पार तक की करने का मन बना चुके हैं।
वहीँ पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गौरव शर्मा का कहना था कि भले ही पिछले 15 दिन में उनकी कोई सुनवाई ना हुई हो लेकिन अब कुलपति भी को छात्र शक्ति का एहसास हो जाएगा और उनको छात्र हित में अपने एनएसयूआई की मांगे माननी पड़ेगी। उन्होंने साफ कर दिया है जब तक उनकी दसों मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता वह यहां से नहीं हटेंगे चाहिए भूख हड़ताल किसी छात्र की जान क्यों ना ले ले।