Agra. दिल्ली में एक इमारत में हुए भीषण अग्निकांड में लगभग 2 दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस अग्निकांड ने एक बार फिर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में अग्निशमन उपकरणों और उस व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। इस हादसे के बाद मून ब्रेकिंग की टीम ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और अग्निशमक यंत्र व उसकी व्यवस्थाओं को देखा। इस बीच चौंकाने वाली बात भी सामने आई। जिला अस्पताल में अग्निशमक यंत्र तो लगे हुए हैं लेकिन फायर विभाग की एनओसी नहीं है।
जिला अस्पताल के पास नहीं एनओसी
जिला अस्पताल में प्रतिदिन हजारों लोग इलाज के लिए आते हैं। दोपहर 2 बजे तक लोगों का आवागमन लगा ही रहता है। काफी भीड़ देखने को मिलती है। यहां जानकारी करने पर पता चला कि जिला अस्पताल के पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है जो अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. ए के अग्रवाल से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि पीछे होम्योपैथिक की बिल्डिंग है जिसे ध्वस्त कराना है। फायर विभाग ने केवल उस जर्जर बिल्डिंग के चलते एनओसी रोक रखी है। क्योंकि फायर विभाग की गाड़ी को चारों ओर घूमने का प्रॉपर रास्ता नहीं मिला।
सीएमएस ने बताया कि भले ही फायर विभाग से उन्हें एनओसी न मिली हो लेकिन अग्नि से होने वाली अप्रिय घटना से निपटने के लिए समुचित इंतजाम है। अग्निशामक उपकरण लगे हुए हैं तो वहीं हर वार्ड में हर विभाग में और थोड़ी थोड़ी दूरी पर फायर एक्सटिंग्विशर के सिलेंडर लगे हैं। जिससे अगर कोई अपने घटना हो तो तुरंत उन सिलेंडरों का प्रयोग करके आग पर काबू पाया जा सके। इतना ही नहीं एक हजार से अधिक लीटर की टंकी हमेशा इसी कार्य के लिए अलग से भर कर रखा जाता है। पीछे की तरफ अंडरग्राउंड टैंक भी बनाया गया है जिसे तुरंत डीजल सेट से चलाकर जहां आग लगी हो उस पर काबू पाया जा सके।
सीएमएस डॉ अग्रवाल ने बताया कि अगर इस तरह से कोई अप्रिय घटना होती भी है तो मरीजों की सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम किए हुए हैं। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में सीढ़ियां है जिससे गंभीर परिस्थितियों में इनका उपयोग किया जा सके और अप्रिय घटना से निपटा जा सके।