दस रुपये का नोट आने वाले समय में बंद कर दिया जाएगा और उसकी जगह सिक्के चलेंगे। केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी शुक्रवार को हाईकोर्ट को दी गई। कोर्ट ने कहा कि वह नए नोटों की जांच के लिए नेत्रहीनों को बुलाएगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा कि दस रुपये के नोट का स्थान सिक्के ले लेंगे। उन्होंने कहा कि 20 व 50 रुपये के नोट की पहचान आसानी से नेत्रहीन शख्स कर सकता है। हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि नए नोटों में पहचान के निशान नहीं होने से नेत्रहीनों को भारी परेशानी हो रही है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है वह हलफनामा दायर कर बताए कि इन सिक्कों की पहचान एक-दूसरे से अलग कैसे की जाएगी।
कोर्ट ने सुनवाई के लिए सात मार्च की तारीख तय की है। कोर्ट ने एएसजी के इस दावे पर कहा कि वह कुछ नेत्रहीनों को इसकी पड़ताल के लिए बुला सकती है। कोर्ट के समक्ष केंद्र सरकार व आरबीआई के वकील ने कहा कि नए नोटों को विशेषज्ञों के परामर्श व नेत्रहीनों के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं के सुझावों पर विचार करने के बाद जारी किया गया है।
केंद्र सरकार व आरबीआई ने कोर्ट को बताया कि 20 व 50 रुपये के नोट में पहचान के लिए उभरा हुआ निशान नहीं बनाया गया है, क्योंकि यह काफी महंगा है और समय के साथ मिट जाता है। हालांकि 100 व उससे ऊपर के बड़े नोटों में यह उभरा हुआ निशान नेत्रहीनों के लिए बनाया गया है। इसके अलावा एक, दो, पांच व 10 रुपये के सिक्कों के किनारों पर पहचान के लिए खास निशान बनाए जाएंगे।