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धूमधाम से मनाया गया लोहड़ी का पर्व, फिल्मी गीतों पर थिरके लोग

by admin
Lohri festival celebrated with pomp, people danced to film songs

Agra. बृहस्पतिवार को पार्श्वनाथ पंचवटी कॉलोनी में उमंग और उत्साह के साथ लोहड़ी पर्व मनाया गया। पार्श्वनाथ पंचवटी कॉलोनी परिवार शाम को कॉलोनी के पार्क में एकत्रित हुआ। सबसे पहले पंचवटी के सम्मानित बुजर्गों द्वारा लोहड़ी प्रज्वलित की गई और फिर सभी ने घेरा बनाकर लोहड़ी गीत गाते हुए उसकी परिक्रमा लगाई। लोहड़ी की अग्नि में प्रसाद रूपी पोपकोर्न, मूंगफली और रेवड़ी का भोग लगाते हुए सभी ने प्रभु परमात्मा से अपने बच्चों की दीर्घायु और देश में सुख शांति अमन चैन और कोरोना जैसी महामारी से मुक्ति की कामना की।

ढोल नगाड़े की थाप और फ़िल्मी गीतों पर नाचते झूमते दिखाई दिए सभी लोग:-

लोहड़ी प्रज्वलित होने और उसकी परिक्रमा लगाए जाने के बाद पार्श्वनाथ पंचवटी कॉलोनी परिवार के सभी लोग ढोल नगाड़ों की थाप के साथ-साथ फिल्मी गीतों पर नाचते झूमते हुए दिखाई दिए और इस पर्व की खुशियां मनाई।इस दौरान सभी ने लोहड़ी की आग में दहन हो सारे गम खुशियां आए आपके जीवन में हरदम के जयकारे भी लगाए।

क्यों मनाई जाती है लोहड़ी:-

लोहड़ी के त्योहार का संबंध फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा है। इस दिन पंजाब और हरियाणा में नई फसल की पूजा करने की परंपरा है। वहीं रात के समय लोहड़ी जलाई जाती है। पुरुष लोहड़ी की आग के पास भांगड़ा करते हैं। वहीं महिलाएं गिद्दा करती हैं। सभी रिश्तेदार एक साथ मिलकर डांस करते हुए बहुत धूम-धाम से लोहड़ी का जश्न मनाते हैं।

लोहड़ी पर सुनते हैं दुल्ला भट्टी की कहानी:-

लोहड़ी की आग के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है। लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है। मान्यता है कि मुगल काल में अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नाम का एक शख्स पंजाब में रहता था। उस समय कुछ अमीर व्यापारी सामान की जगह शहर की लड़कियों को बेचा करते थे, तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई थी। तब से हर साल लोहड़ी के पर्व पर दुल्ला भट्टी की याद में उनकी कहानी सुनाने की पंरापरा चली आ रही है।

नवविवाहित जोड़े के लिए लोहड़ी का विशेष महत्व:-

यह त्योहार नवविवाहित जोड़े और परिवार में जन्मे पहले बच्चे के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन नई दुल्हन को उसकी ससुराल की तरफ से तोहफे दिए जाते हैं, तो वहीं नए शिशु को उपहार देकर परिवार में उसका स्वागत किया जाता है।

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