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कृष्ण मुरारी को इंसाफ दिलाने के लिए आगरा मुख्यालय पर परिजनों ने दिया धरना, पुलिस के कमेंट से भड़के लोग

by admin
To get justice for Krishna Murari, the relatives staged a sit-in at the Agra headquarters, people were agitated by the remarks of the police.

Agra. जब लोग दीपावली पर्व की खुशियों में डूबे हुए नजर आ रहे थे सुबह से ही पूजा आराधना का दौर चल रहा था तो उसी दौरान 19 साल के कृष्ण मुरारी के परिजन और ग्रामीण वासी उसके लिए इंसाफ की गुहार लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस मांग को पूरा करने के लिए सभी लोग जिला मुख्यालय पहुंचे जहां पर सभी लोगों ने धरना दिया और अपना आक्रोश भी व्यक्त किया। जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और लोगों को समझा-बुझाकर शांत करने का प्रयास किया।

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

मृतक कृष्ण मुरारी के परिजन और ग्रामीण वासी उसके लिए इंसाफ की गुहार लगा रहे थे। लोगों का कहना था कि 19 वर्षीय कृष्ण मुरारी सेना में जाने की तैयारी कर रहा था लेकिन कुछ लोगों ने उसे षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसाया और उसके खिलाफ गुंडा एक्ट की भी कार्रवाई को अंजाम दिलवाया। इस कारण लगभग 5 से 6 महीनों से जेल में रहना पड़ा। वह काफी परेशान था, इसी के चलते उसने सुसाइड किया। सुसाइड के लिए उसे प्रेरित करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

सेना में होना चाहता था भर्ती

सिकंदरा क्षेत्र के गांव मांगरौल गूजर निवासी देवेंद्र परमार के 19 वर्षीय बेटे कृष्ण मुरारी ने सोमवार सुबह रुनकता के पास ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड करने से पहले उसने फेसबुक पर लाइव किया था। लाइव में उसने कहा कि वो सुसाइड करने जा रहा है। इसकी वजह उसके चाचा लाखन व उसका बेटा मोनू हैं। उन्होंने उसके ऊपर फर्जी केस दर्ज करा दिया। वो पांच माह से इस मामले से परेशान हैं। क्षेत्रीय पुलिस भी आरोपियों से मिली है जिससे उनकी कोई सुनवाई नही हो रही और मुकदमा दर्ज होने से वो अब सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई नही कर सकता।

ये थी घटना

मृतक कृष्ण मुरारी के पिता देवेंद्र सिंह ने बताया कि उनके चचेरे भाई लाखन और विक्रम के बीच छह माह पहले झगड़ा हुआ था। विक्रम उनके घर में आकर छिप गया था। बीच-बचाव करने पर लाखन और उसके बेटे ने उनके साथ मारपीट की। इस दौरान लाखन के बेटे के भी चोट आ गई। इसमें लाखन पक्ष ने विक्रम के साथ-साथ देवेंद्र और उनके बेटे कृष्णमुरारी और हरिशंकर के खिलाफ भी घर में घुसकर मारपीट करने व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पंचायत ने देवेंद्र से आर्थिक दंड के रूप में लाखन पक्ष को 15 हजार रुपए दिलवाकर समझौता भी करा दिया।

रुनकता चौकी इंचार्ज के खिलाफ दिखा आक्रोश

जिला मुख्यालय में धरने पर बैठे कृष्ण मुरारी के परिजनों में रुनकता चौकी इंचार्ज के खिलाफ आक्रोश देखने को मिला। लोगों का कहना था कि चौकी इंचार्ज ने ही उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित किया था। उसके खिलाफ नामजद तहरीर भी है लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों ने उसे अभी तक निलंबित भी नहीं किया है, यह कैसा कानून है जो दोहरी नीति के अनुसार चल रहा है। पुलिस के खिलाफ तहरीर दो तो आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। वहीं आम व्यक्ति पर अगर किसी भी तरह का केस दर्ज हो तो पुलिस उसे तुरंत उठाकर ले जाती है। आक्रोशित लोगों ने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक आरोपी चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी वह पीछे नहीं हटेंगे।

फौजी से अभद्रता पर भड़के लोग

मृतक कृष्ण मुरारी के लिए इंसाफ की गुहार लगा रहा एक फौजी उसका भाई था। इंसाफ की लड़ाई के दौरान जब प्रशासनिक अधिकारी ने उनसे एक ज्ञापन पर समय मांगे जाने और कानूनी कार्रवाई का आश्वासन लिखित में मांगा तो प्रशासनिक अधिकारी ने फौजियों को लेकर कमेंट कर दिया जिससे वहां मौजूद सभी लोग भड़क गए। लोगों को भड़कता देख सीओ दीक्षा सिंह ने मोर्चा संभाला और सभी लोग को समझा-बुझाकर शांत किया लेकिन प्रशासनिक अधिकारी के कमेंट से लोगों में आक्रोश दिखा।

7 दिन का मिला आश्वासन

मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि कृष्ण मुरारी के परिजनों और ग्रामीणों से जो धरने पर बैठे थे उनसे ज्ञापन ले लिया है और उनसे 7 दिन का समय मांगा है 7 दिन के अंदर जो उनकी मांगे हैं, उन्हें पूरा कराया जाएगा। आर्थिक मुआवजे के लिए जिला अधिकारी लिखेंगे तो वही दोषी के खिलाफ जो कानूनी कार्रवाई होनी है वह 7 दिनों के अंदर हो जाएगी।

जिला मुख्यालय घेरने का एलान

जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठे लोगों ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर 7 दिनों के अंदर उनके ज्ञापन पर कार्रवाई नहीं होती तो अभी तो लगभग 15 से 20 लोग यहां मौजूद हैं। लेकिन 7 दिन बाद कृष्ण मुरारी को इंसाफ दिलाने के लिए हजारों की तादाद में यहां भीड़ मौजूद होगी। अगर कोई कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो उसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।

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