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जहरीली शराब कांड : एडीजी-आईजी सहित समस्त प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव में किया दौरा

by admin
Poisonous liquor scandal: All administrative officers including ADG-IG visited the village

आगरा। डौकी थाना क्षेत्र के कोलारा कलां गांव में जहरीली शराब के सेवन से चार लोगों की मौत, ताजगंज थाना क्षेत्र के देवरी रोड इलाके में जहरीली शराब के सेवन से चार लोगों की मौत, शमशाबाद थाना क्षेत्र के मरहमपुर गांव में जहरीली शराब के सेवन से दो लोगों की मौत के मामले ने जिला प्रशासन और पुलिस आलाअधिकारियों की नींद उड़ा के रख दी है। बुधवार को इस प्रकरण में एडीजी जोन आगरा राजीव कृष्ण, आईजी रेंज आगरा नवीन अरोड़ा, कमिश्नर आगरा अनिल गुप्ता, जिलाधिकारी आगरा प्रभु नारायण सिंह, एसएसपी आगरा मुनिराज जी के साथ में आबकारी विभाग की टीम भी उन गांव में पहुंची, जहां शराब के सेवन से मौतों का आरोप लग रहा है। इस प्रकरण पर पुलिस व प्रशासन के सभी आला अधिकारियों ने मृतक के लोगों से बातचीत भी की है। घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद अब जोन भर में शराब माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। स्थानीय पुलिस शराब माफियाओं और शराब तस्करों के खिलाफ धरपकड़ अभियान में जुट गई है। एडीजी जोन आगरा राजीव कृष्ण ने साफ कर दिया है कि इस पूरे प्रकरण की जांच गहनता से की जा रही है, साथ ही साथ यह भी जानने का प्रयास किया किया जा रहा है कि अलीगढ़ और हाथरस की तरह कहीं आगरा में इस तरीके का कोई रैकेट सक्रिय तो नहीं है जो जहरीली शराब को शराब की दुकानों तक पहुंचा रहा हो।

एडीजी जोन आगरा राजीव कृष्ण का कहना है कि कुछ शवों का अंतिम संस्कार परिजनों ने कर दिया है मगर जिन शवों का पोस्टमार्टम हुआ है उस संबंध में सीएमओ आगरा से भी बातचीत हो गई है। शव का विसरा सुरक्षित करने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। चूंकि एफएसएल लैब आगरा में ही है। इसलिए सभी शवो के विसरा को एफएसएल लैब में भेजा जा रहा है और कोशिश की जा रही है कि जल्द ही एफएसएल की रिपोर्ट आए जिससे स्पष्ट हो सके कि मौत का कारण क्या रहा है।

इस प्रकरण पर कई स्तर से जांच चल रही है। एडीजी राजीव कृष्ण का कहना है कि परिवार के उन लोगों से भी बातचीत हुई है जिन लोगों ने आरोप लगाए हैं जहरीली शराब के सेवन से मौत के बाद पुलिस ने जबरन शवों का अंतिम संस्कार कराया। हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार नहीं हुआ, शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। एडीजी स्तर से स्थानीय पुलिस की भूमिका की भी जांच की जा रही है, साथ ही साथ आबकारी विभाग और अन्य विभागों की भी जिम्मेदारी तय की जा रही है।

सूत्र बताते हैं कि अगर इस प्रकरण पर सही स्तर से जांच हुई तो कई अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है। आबकारी विभाग से लेकर स्थानीय पुलिस और शराब तस्करों पर बड़ी कार्यवाही हो सकती है। अब देखना होगा कि आने वाली जांच रिपोर्ट क्या कुछ कहती है।

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