Agra. पारस अस्पताल ( Paras Hospital) में हुई मौत की मॉक मॉकड्रिल ( Mockdrill) मामले में हॉस्पिटल संचालक की मुश्किलें कम होती हुई नजर नही आ रही है। इस मामले की जांच के लिए आईएमए ( IMA) की ओर से पांच सदस्यीय ( 5 Members Committee) कमेटी गठित की थी लेकिन इस कमेटी के सदस्य पूर्व अध्यक्ष डॉ. शरद गुप्ता ( Dr. Sharad Gupta) ने इस्तीफा देकर खुद को इस कमेटी से अलग करने की सिफारिश की है जिसके बाद कमेटी की सत्यनिष्ठा और जांच रिपोर्ट पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। डॉ. शरद गुप्ता के जांच कमेटी से इस्तीफा देने की जानकारी होते ही आईएमए में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
पारस अस्पताल मामले में जांच के लिए आईएमए ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। इसमें आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुधीर धाकरे, डॉ. डीवी शर्मा, डॉ. मुनीश्वर गुप्ता, डॉ. शरद गुप्ता और डॉ. संजय चतुर्वेदी शामिल किए गए थे। इस कमेटी ने आरोपी चिकित्सक के बयान दर्ज किए और उनसे वायरल हुए वीडियो के बारे में प्रश्न भी पूछे। इस बीच सोशल मीडिया और संचार माध्यमों में कमेटी द्वारा चिकित्सक को क्लीन चिट देने की तैयारी की खबरें दौड़ती रहीं। कमेटी के दो चिकित्सकों की भूमिका पर गठन के समय ही सवाल उठाए गए थे।
मीडिया से रूबरू होते हुए डॉ. शरद गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों जो कोरोना के कारण परिस्थितियां देखी है उससे वह व्यथित है। इस कोरोना संक्रमण काल मे लोगों ने अपनो को ऑक्सीजन व दवा की कमी से खोया है। हाल ही में कुछ वीडियो वायरल हुई जो उसी दौरान पारस हॉस्पिटल के जिसमें मॉकड्रिल की बात सामने आई। यह मुद्दा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने के बाद सरकार ने इस पूरे मामले की जांच कराई तो वहीं आईएमए ने भी अपने स्तर पर इस मामले की जांच के लिए गठित की थी। इस कमेटी के सदस्य मैं भी था लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से दैनिक अखबारों में पारस हॉस्पिटल सुर्खियों में है और कहा जा रहा है कि पारस हॉस्पिटल को बचाया जा रहा है इससे वह व्यथित हैं।
डॉ. शरद गुप्ता ने कहा कि उनकी ईमानदारी और साख पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे थे जिससे उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। वहीँ विदेशों में रहने वाले उनके मिलने वाले भी मौत की मॉकड्रिल और पारस अस्पताल को क्लीन चिट मिलने की निंदा कर रहे थे। चिकित्सक समुदाय की साख पर भी यह घटना काला धब्बा है। ऐसे माहौल में उनके लिए कमेटी के सदस्य के रूप में जांच करना और हिस्सा बने रहना मुश्किल है। इसलिए उन्होंने जांच कमेटी के अध्यक्ष के माध्यम से आईएमए अध्यक्ष राजीव उपाध्याय को इस्तीफा भेज दिया है।
फिलहाल डॉ. शरद गुप्ता के जांच कमेटी से इस्तीफा दिए जाने से इस मुद्दे को एक बार फिर हवा मिल गई है और यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। इस घटना के बाद डॉ अरिंजय जैन की इस मामले में मुश्किलें और ज्यादा बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।