Agra. काफी हंगामे के बाद आखिरकार आगरा के पारस अस्पताल को सील कर दिया गया है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम पारस हॉस्पिटल को सील करने के लिए पहुंची। यहां पर सभी कानूनी कार्रवाई को पूरा किया गया। हॉस्पिटल को चेक किया गया कि कोई मरीजों के तीमारदार अंदर तो नहीं है, इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व एसीएमओ वीरेंद्र भारती ने किया।
आपको बताते चले कि पारस हॉस्पिटल का जो मौत की मॉक ड्रिल का वीडियो वायरल हुआ था। उसमें 22 मरीजों की मौत की बात सामने आई है। बीते दिन प्रशासन द्वारा की गयी जांच के के बाद अस्पताल के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है। वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल संचालक के खिलाफ मंगलवार को केस दर्ज कर लिया गया है लेकिन अस्पताल को सील नहीं किया जा सका था क्योंकि उसमें पहले से मरीज भर्ती थे जिन्हें स्वास्थ विभाग ने दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया और सोमवार को ही अस्पताल के गेट पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नोटिस भी चस्पा किया गया है। जिस पर लिखा है, “ये अस्पताल आज दिनांक 8 जून से बंद है।”
बुधवार सुबह होते ही स्वास्थ्य विभाग की एसीएमओ डॉ वीरेंद्र भारती अपनी टीम के साथ इस हॉस्पिटल पर पहुंच गए और कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए इस हॉस्पिटल को सील कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल के खिलाफ कल मुकदमा दर्ज कराया गया था। अस्पताल में काफी मरीज थे जिन्हें शिफ़्ट कराना जरूरी था। सभी मरीजों को शिफ्ट करा दिया गया है, हॉस्पिटल को चेक कर लिया गया है जिसके बात अब हॉस्पिटल को सील किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।
एसीएमओ डॉ वीरेंद्र भारती ने बताया कि अब इस हॉस्पिटल में किसी भी तरह का चिकित्सीय कार्य नहीं होगा। इस पूरे मामले की जांच के लिए जांच कमेटी बनाई गई है और जांच कमेटी की जो रिपोर्ट आएगी उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। उनका कहना था कि इस समय कोरोना काल चल रहा है और यह एक तरह की महामारी है। इस दौरान जो भी व्यक्ति इस तरह के कृत्य करता है जिसे महामारी फैलती है उसके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। एसीएमओ डॉ वीरेंद्र भारती का अर्थ इस बयान से साफ है कि अभी डॉ अरिंजय जैन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं है, उन्हें महामारी एक्ट के तहत कानून का सामना करना होगा।