भारत के हिमाचल प्रदेश में स्थित जटोली शिव मंदिर की गिनती सबसे ऊंचे मंदिरों में है। यह अद्भुत मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन जटोली में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना श्री श्री 108 स्वामी कृष्णानंद परमहंस महाराज ने की थी। मंदिर का निर्माण दक्षिण-द्रविड़ शैली में किया गया था। वहीं इस मंदिर को बनने में करीब 39 वर्ष लगे। पौराणिक कथाओं में प्रचलित है कि भगवान शिव स्वयं यहां आकर कुछ समय तक रहे थे। इस मंदिर के निर्माण कार्य की नींव स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के संत के निर्देशानुसार रखी गई थी।
दरअसल स्वामी कृष्णानंद परमहंस महाराज सन 1950 में जटोली आए थे जिसके बाद सन 1974 में इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। लेकिन उसके बाद वर्ष 1983 में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के साधु ने वहां समाधि ले ली। हालांकि इसके बाद भी मंदिर का निर्माण कार्य अनवरत चलता रहा। मिली जानकारी के मुताबिक इस मंदिर की ऊंचाई 111 फुट है वहीं जानकार दावा करते हैं कि इस मंदिर की गिनती एशिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिरों में होती है। वास्तव में इस भव्य मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है।
![The sound of damru comes when the temple wall is patted, know where this miracle happens](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2021/05/WhatsApp-Image-2021-05-10-at-19.24.52-1024x575.jpeg)
इस भव्य जटोली शिव मंदिर की मान्यता है कि अगर मंदिर के बाहर से पत्थर की बनी दीवार को कोई भी थपथपाता है तो डमरु की ध्वनि सुनाई देती है। इस मंदिर की भव्यता को निहारने देश-विदेश से लोग यहां पहुंचते हैं।साथ ही डमरू की ध्वनि की चर्चाओं को सुनकर उन्हें आजमाने का प्रयास भी करते हैं।इस मंदिर की बाहरी दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं, जबकि मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग मौजूद है। अलावा इसके यहां भगवान शिव और माता पार्वती की कई मूर्तियां विराजमान हैं। जानकारी के मुताबिक,मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश भी स्थापित है, जो मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगा देता है।