अमेरिकी सरकार ने देश की सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन कंपनी पर एक साइबर अटैक के बाद देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है। जानकारों का कहना है कि हमला कोरोना महामारी को देखते हुए किया गया है। बता दें इस पाइप लाइन के ज्यादातर इंजीनियर घरों से कंप्यूटर पर काम कर रहे थे।मिली जानकारी के मुताबिक कोलोनियल पाइपलाइन से प्रतिदिन 25 लाख बैरल तेल जाता है। सूत्रों की माने तो अमेरिका के ईस्ट कोस्ट के राज्यों में गैस,डीज़ल और जेट ईंधन की 45 फीसदी आपूर्ति इसी पाइपलाइन के जरिए होती है। दावा किया जा रहा है कि रेन्समवेयर हमला डार्कसाइड नाम के गिरोह द्वारा किया गया है।
![Cyber attack on US big fuel pipeline company, Biden government declares emergency](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2021/05/WhatsApp-Image-2021-05-10-at-11.52.39-1.jpeg)
दरअसल पाइपलाइन पर यह साइबर अटैक शुक्रवार को साइबर अपराधियों के एक गिरोह द्वारा किया गया। वहीं अमेरिकी सरकार द्वारा इमरजेंसी की घोषणा करने के बाद अब यहां से ईंधन की सप्लाई पाइप लाइन की बजाय सड़क मार्ग से की जा सकती है। हालांकि इस मामले में जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने रविवार को ट्वीट करते हुए बताया कि उसे पाइपलाइन के नेटवर्क में आई दिक्कतों के विषय में जानकारी है। इसके साथ ही कहा कि एजेंसी को इस विषय की शुक्रवार को जानकारी हो चुकी थी। जिसके बाद कंपनी और सरकारी सहयोगियों की मदद से काम किया जा रहा है।
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कॉलोनियल पाइप लाइन से हर दिन करीब 25 लाख बैरल तेल भेजा जाता है। गौरतलब है यह कंपनी पूरे ईस्ट कोस्ट में डीजल और गैस जैसे ईंधन की आपूर्ति करती है। मामले की जानकारी रखने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकी कीमतों में 2 से 3 फ़ीसदी तक की बढ़ोत्तरी की जा सकती है।बहरहाल बाइडन प्रशासन की ओर से लगाए गए आपातकाल के अनुसार 18 राज्यों की सेवाएं प्रभावित हैं। जानकारी के अनुसार, कोलोनियल नेटवर्क में सेंध लगाकर लगभग 100GB डेटा हैक किया गया है। जिसके बाद हैकरों ने कुछ कंप्यूटरों और सर्वर के डाटा को लॉक कर दिया है। इसके साथ ही शुक्रवार को फिरौती की मांग भी की।