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आगरा मेट्रो निर्माण के पांच महीने में 400 पाइल, 45 पाइलकैप व 16 पीयर तैयार

by admin
400 Piles, 45 Pile Caps and 16 Peers Ready in Five Months of Agra Metro Construction

आगरा। पर्यटन नगरी आगरा में मेट्रो निर्माण परियोजना का काम तेजी से किया जा रहा है। 5 महीने से भी कम समय में आगरा मेट्रो की टीम ने कुल 686 में से 400 पाइल पूरी कर ली है। इसके साथ ही अब तक 45 पाइल कैप व 16 पीयर (पिलर) का निर्माण किया जा चुका है। आगरा मेट्रो निर्माण परियोजना के तहत ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच बन रहे प्रथम कॉरिडोर में ताज ईस्ट गेट से जामा मस्जिद के मध्य प्रायोरिटी सेक्शन का निर्माण किया जा रहा है। प्रायोरिटी सेक्शन में तीन ऐलीवेटिड व तीन भूमिगत स्टेशनों हैं। गौरतलब है कि ऐलिवेटिड भाग में कुल 686 पाइल, 171 पाइल कैप व 171 पीयर का निर्माण किया जाना है।

यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव ने 400 पाइल पूरे होने पर आगरा मेट्रो टीम को बधाई देते हुए निर्माण की इस गति को कोविद प्रोटोकॉल के साथ कायम रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के इस मुश्किल वक्त में भी आगरा मेट्रो की टीम ने विभिन्न बाधाओं के बावजूद 400 पाइल का काम पूरा किया है, जो बेहद सराहनीय है।’

400 Piles, 45 Pile Caps and 16 Peers Ready in Five Months of Agra Metro Construction

कोविड-19 प्रोटोकॉल्स का हो रहा पालन

कोविड-19 संक्रमण के इस दौर में काम की गति को बनाए रखने के लिए यूपी मेट्रो विशेष रणनीति अपना रहा है। काम की अच्छी गति के लिए सबसे अहम पहलू हैं। मज़दूर और आगरा मेट्रो परियोजना के अंतर्गत मज़दूरों की सेहत और सहूलियत का पूरा ख़्याल रखा जा रहा है। इसके साथ ही कोविड-19 को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। मज़दूरों के स्वास्थ्य पर दिया जा रहा है। कंस्ट्रक्शन साइट पर मज़दूरों के बीच 15-15 के समूह बना दिए गए हैं और निर्देश है कि एक समूह दूसरे समूह के संपर्क में न आए, ताक़ी मज़दूरों के बीच संक्रमण फैलने की आशंका को कम किया जा सके। इसके साथ ही रोज़ाना काम शुरू करने से पहले मज़दूरों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की जाती है।

मजदूरों के लिए हैं ये इंतजाम

इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी मज़दूर मास्क और ग्लव्स पहनें। आगरा मेट्रो की साइट्स पर अतिरिक्त मास्क-ग्लव्स उपलब्ध रहते हैं जिससे कि ज़रूरत पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सकता है। वहीं, बमरौली कटारा स्थित कास्टिंग यार्ड में एक डॉक्टर और एक नर्स भी मौजूद रहते हैं ताक़ी किसी भी स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरत के लिए मज़दूर उनसे संपर्क कर सकें और मदद ले सकें।

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