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कोरोना की महामारी के तनाव और अवसाद से उबारेगी पुस्तक “राज की बात”

by admin
The book "Raj Ki Baat" will overcome the stress and depression of the corona epidemic

आगरा। ज़िंदगी क्या है? यह हमें किसलिए मिली है? हम इसे किस प्रकार जिएँ? इसको सार्थक कैसे बनाएँ? दुखों से छुटकारा कैसे पाएँ? सच्चा सुख और सच्ची समृद्धि क्या है? ऐसी अनेक जिज्ञासाओं का समाधान करने की कोशिश है यह पुस्तक “राज की बात”। कोरोना महामारी के चलते पुस्तक का अनौपचारिक लोकार्पण पुस्तक की लेखिका राज फौजदार ने अपने सिकंदरा स्थित आवास पर अपने परिवारीजनों के साथ किया।

राज फौजदार ने बताया कि इस पुस्तक में छोटे-छोटे 82 आलेखों के माध्यम से भौतिकतावाद की अंधी दौड़ में शामिल इंसान को थोड़ा ठहर कर सोच-विचार करने की दिशा दी गई है, ताकि वह कोरोना की महामारी के तनाव और अवसाद से उबर कर शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो सके और भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर थोड़े से क़दम बढ़ा कर अपने जीवन की अनंत संभावनाओं के द्वार खोल सके।

इस अवसर पर उनके पतिदेव अशोक कुमार फौजदार, पुत्र वैभव फौजदार व पुत्र वधू तथा यस वी कैन संस्था से जुड़ीं समाज सेवी प्रीति फौजदार प्रमुख रूप से शामिल रहीं। उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक का प्रकाशन निखिल पब्लिशर्स और संपादन कवि कुमार ललित ने किया है।

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