Agra. कोरोना महामारी के दौरान आगरा शहर वासियों के लिए एक और बुरी खबर बुधवार को आई। बताया जाता है कि कोरोना संक्रमित मृतकों की बड़ी संख्या के चलते विद्युत शवदाह गृह को 24 घंटे चलाया जा रहा था और अंतिम संस्कार भी 24 घंटे किये जा रहे थे। इस बीच बुधवार को विद्युत शवदाह गृह कि चारों भट्टियों ने काम करना बंद कर दिया और विद्युत शवदाह ग्रह का संचालन कर रही क्षेत्रीय बाजार कमेटी ने उसे बंद करा दिया। विद्युत शवदाह गृह के बंद हो जाने से लकड़ी वाले ताजगंज मोक्षधाम पर एकाएक दवाब बढ़ गया है।
बताया जाता है कि आगरा में कोरोना संक्रमण के कहर के बीच विद्युत शवदाह गृह की भट्टियां अंतिम संस्कार हेतु दिन-रात धधक रहीं थी। इस बीच बुधवार को विद्युत शवदाह गृह की चारों भट्ठियों ने काम करना बंद कर दिया। इस घटना से कमेटी में जहां हड़कंप मच गया तो वहीं विद्युत शवदाह गृह पर अपने मृतक परिजन का अंतिम संस्कार कराने के लिए बेठे लोगों को यह जानकारी हुई तो सभी में अफरा-तफरी मच गई। सभी लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ी वाले शवदाह गृह श्मशान घाट ताजगंज पर पहुंचने लगे। इस घटना के बाद इस श्मशान घाट पर एकाएक दबाव बढ़ना लगा। यहां पर भी लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार कराने के लिए जगह ढूंढने पड़ रही थी।
बताया जाता है कि विद्युत शवदाह गृह की दो भट्ठियां सोमवार रात को ही बंद हो गई थीं। बुधवार को बाकी दो भट्ठियों ने भी काम करना बंद कर दिया है। विद्युत शवदाह ग्रह पर काम करने वाले कर्मचारियों ने इसकी सूचना कमेटी के पदाधिकारियों को दे दी जिसके बाद प्रशासन को भी इस घटना से अवगत करा दिया गया।