Agra. जैतपुर के बड़ा गांव की सामाजिक पंचायत ने एक ऐसा फैसला लिया है जो सभी के लिए मिसाल बन गया है। यह फैसला भले ही चुनाव से संबंधित हो लेकिन इस फैसले ने यह जता दिया है कि अगर आपका नेता पढ़ा-लिखा और सामाजिक हो तो विकास के साथ-साथ आपकी हर समस्या का समाधान कराने के लिए आपके साथ खड़ा रहेगा।
जैतपुर के बड़ा गांव में हुई सामाजिक पंचायत में गांव के लोगों ने अपनी ही गांव की परास्नातक बेटी सरला सिंह गुर्जर को प्रधान बनाने का फैसला लिया है। सर्वसम्मति से हुए इस फैसले के बाद अन्य दावेदारों ने भी फैसले का स्वागत करते हुए चुनाव न लड़ने पर अपनी रजामंदी दी। पंचायत में हुए इस फैसले के बाद पूरे क्षेत्र में यह निर्णय चर्चा का विषय बना रहा और लोग कहते रहे कि पंचायत ने गांव की तरक्की के लिए यह फैसला लिया है।
इस समय जिला पंचायत और प्रधानी के चुनाव की सरगर्मी तेजी के साथ है। हर दावेदार अपनी जीत के लिए ताल ठोक रहा है। इन चुनावों में आपसी रंजिश भी देखने को मिलती है तो जीत और हार के बाद यह रंजिश और बढ़ जाती है लेकिन जैतपुर के बड़ा गांव में प्रधानी के चुनाव को लेकर एक सामाजिक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में गांव के निवर्तमान प्रधान प्रहलाद सिंह, भुल्ले गुर्जर, राजकुमार, सियाराम, गीता, और सरला सिंह गुर्जर इस बार प्रधान पद के लिए दावेदार शामिल हुए। हनुमान मंदिर पर आयोजित सर्व समाज की इस बैठक में सभी दावेदारों ने अपनी अपनी बात को रखा और फिर उसके बाद सर्व सहमति से परास्नातक सरला सिंह को इस बार प्रधान बनाए जाने पर मोहर लगाई। जिसके बाद सभी दावेदारों ने पंचायत के चुनाव पर सहमति जताते हुए अपने पांव पीछे खींच लिए। पंचायत ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि गांव के विकास और तरक्की के लिए यह फैसला लिया है।
सरला के रोडमैप से सभी प्रभावित –
सर समाज की पंचायत के दौरान सरला सिंह ने भी अपनी दावेदारी के दौरान गांव के विकास और तरक्की के लिए जो रोड मैप तैयार किया है उसे सभी के सामने रखा। सरला सिंह के रोड मैप से समाज के प्रतिष्ठित राजनीतिक लोग प्रभावित दिखाई दिए और सभी ने एक स्वर में सरला सिंह को प्रधान बनाए जाने का फैसला ले लिया।
फैसले पर जताया आभार-
परास्नातक और पत्रकारिता की पढ़ाई कर प्रशासनिक अधिकारी बनने की तैयारी कर रही सरला सिंह गुर्जर पंचायत के स्पेशल से उत्साहित नजर आई। उनका कहना था कि कानूनी रूप से निर्विरोध प्रधान चुने जाने के बाद उनकी प्राथमिकता महिलाओं को खुले में शौच से मुक्ति मुक्ति दिलाना और गांव का विकास उनकी प्राथमिकता है।
पंचायत के फैसले की हो रही है सराहना-
सर्व समाज की सामाजिक पंचायत में हुए फैसले की सभी जगह सराहना हो रही है तो वहीं गांव के लोग भी काफी उत्साहित हैं। सबसे ज्यादा खुशी तो आधी आबादी को है। उनका कहना है कि राजनीतिक क्षेत्र में सर्वसम्मति से आधी आबादी को सम्मान मिलना बहुत बड़ी बात है, इससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा।
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