आगरा। नटवरलाल जालसाजों ने तहसील और मत्स्य विभाग के साथ मिलकर एक ग्रामीण महिला के नाम पर मछली पालन के लिए फर्जी तरीके से तालाब का पट्टा करा लिया। तहसील से रिकवरी नोटिस पहुंचने पर महिला के पैरों तले जमीन खिसक गई। एसडीएम तथा अन्य अधिकारियों के चक्कर काटे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। प्रशासनिक अधिकारी लगान वसूलने का दबाव डाल रहे हैं। सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस ने सीडीओं को पत्र के माध्यम से जांच कर पट्टा निरस्त कराने की मांग की है।
आगरा सदर तहसील, ब्लाॅक अकोला, थाना मलपुरा अंतर्गत बाईंखेड़ा निवासी सावित्री देवी पत्नी तारासिंह के नाम से अभयपुरा में ग्रामसभा की गाटा सं0-375 रकवा-1.353 अंकित तालाब पर जालसाजों ने 10 अगस्त 2011 को 13550 रूपये वार्षिक लगान पर को फर्जी रूप पट्टा आवंटित कर दिया। जिसका पैसा न पहुंचने पर आवंटी को पैसे की वसूली के लिए नोटिस भेजे गए। ग्राम पंचायत बाईंखेड़ा प्रधान सीमा देवी ने महिला की जाति सक्सेना बदलकर मलहा कर दी। उसके फर्जी दस्तावेज बनाकर पट्टा आवंटित किया गया। जबकि महिला ने आज तक किसी भी प्रकार के पट्टे अथवा मछली पालन के लिए आवंटन नहीं किया।
सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने महिला से डीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं दूसरी ओर सीडीओ जे रीभा को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच कर कार्यवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस प्रकार के और भी मामले हो सकते हैं जिनकी जांच करना आवश्यक है जिससे जालसाज सरकार को राजस्व की चपत लगाकर सरकार की महत्वकांक्षी योजना का दुरूपयोग कर रहे हैं। उक्त महिला का पट्टा निरस्त कराया जाए। साथ ही वर्ष 2010 से अब तक जनपद में मछली पालन के लिए आवंटित किए गए तालाब और लगान की जांच की जाए। दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए जिससे इस फर्जीवाड़े पर रोक लग सके। नरेश पारस ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है।