मथुरा में आज बारिश के दौरान एक गंभीर हादसा होते-होते रह गया। पुलिस के एक दरोगा जी अपनी कार सहित यमुना में बहते-बहते रह गए। उन्हें क्षेत्रीय लोगों ने बचा लिया। इसके अलावा यमुना में बहे आधा दर्जन अन्य दोपहिया वाहनों को नाविकों ने बाहर निकाल लिया जबकि दरोगा जी की कार और एक रिक्शा अभी यमुना में ही समाए हुए हैं। उन्हें निकाला नहीं जा सका है।
आज दोपहर बाद मथुरा में अचानक मौसम का मिजाज बदला। बदली छाई और मूसलाधार बारिश होने लगी। इस बारिश के कारण शहरभर में नदी बह निकली और इस नदी का रुख हर बार की तरह से स्वामी घाट होते हुए यमुना की ओर था। यमुना किनारे यमुना मिशन की ओर से कार्य चल रहा होने के कारण स्वामी घाट पर लगी रहने वाली रैलिंग हटा दी गई है, जिसके कारण आज इस गंभीर हादसे की स्थिति उत्पन्न हुई।
बताया गया है कि दरोगा जी पास के किसी अन्य जनपद के हैं जो यहां पर समीप ही स्थित नारी निकेतन में किसी लड़की को छोड़ने के लिए आए थे। अपनी अल्टो कार से आए दरोगा जी ने लड़की तो नारी निकेतन में छोड़ दी। लेकिन उसके बाद जैसे ही वह वापस आकर अपनी गाड़ी में बैठे, बारिश होने लगी और वह बारिश के पानी के तेज बहाव के कारण वहां से निकल नहीं सके। बारिश और उसके पानी के तेज बहाव के मध्य दरोगा जी अपनी गाड़ी में बैठे रहे। इस दौरान पानी का बहाव लगातार जोरों पर था, जिसकी भयावहता को क्षेत्रीय लोग भाँप रहे थे। उन्हें पता था कि अगर गाड़ी में सवार शख्स बाहर नहीं निकला तो वह गाड़ी सहित यमुना में बह जाएगा। इसलिए उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया कि वह गाड़ी से बाहर निकल आएं लेकिन इस दौरान उन्हें कुछ देर लग गई और देखते ही देखते उनकी अल्टो कार यमुना की ओर बहने लगी। तब क्षेत्रीय लोगों ने और जोर से शोर मचाया। इसके बाद दरोगा जी को स्थिति समझ में आई और उन्होंने यमुना में बहती गाड़ी से उतर कर बमुश्किल अपनी जान बचाई।
क्षेत्रीय नागरिक अधिवक्ता लक्ष्मण तोमर ने बताया कि इस दौरान करीब आधा दर्जन दोपहिया वाहनों को नाविकों ने यमुना से बाहर निकाला। लेकिन वे दरोगा जी की कार को यमुना से बाहर नहीं निकाल सके। इसके अलावा एक गरीब का रिक्शा भी यमुना में बह गया है। वह भी नहीं निकाला जा सका है।
घटना की सूचना मिलते ही बंगाली घाट चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र भाटी मौके पर पहुंच गए लेकिन वह कुछ खास कर नहीं सके। उन्होंने फायर स्टेशन की टीम को बुलाकर कार और रिक्शा निकलवाए जाने की बात कही है।