मथुरा। भारत सरकार द्वारा स्कूल प्रमुखों एवं शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिए एक राष्ट्रीय पहल (NISTHA) की गई है। स्कूल और स्कूल प्रमुखों को बच्चों के साथ किस प्रकार व्यवहार करना है और उनका मित्र कैसे बना जाए, इस पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में आज चाइल्ड लाइन द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यलय गोवर्धन मथुरा में लगभग 150 शिक्षकों को लैंगिक अपराधों पर जानकारी दी गयी।

चाइल्ड लाइन कोऑर्डिनेटर नरेन्द्र परिहार ने बताया कि अगर आपके स्कूल में कोई भी बच्चा स्वयं को अकेला रखे, डरा और सहमा रहे, अपने उपहार आदि इकट्ठा करने लगे, अचानक ही उसके व्यवहार में बदलाव आ जाये, बात बात पर गुस्सा और नाराज़ होने लगे, उसे चलने और बैठने में तकलीफ हो तो तत्काल बच्चे से बात करें। ये कुछ लक्षण जो बताते हैं कि बच्चे के साथ लैंगिग शोषण हुआ है। आप बच्चो से प्रेम से बात करें और तत्काल इसकीं सूचना पुलिस को दे और पुलिस द्वारा लैंगिग अपराधो से बच्चो का संरक्षण अधिनियम 2012 (POCSO ACT) के तहत मुकदमा पंजिकृत किया जाएगा।
इस कानून में बच्चो को घूरने, उन्हें गलत तरीके से छूने तथा उन्हें अश्लील सामग्री दिखाने पर भी सजा का प्रवधान है। अगर किसी भी व्यक्ति को कोई ऐसा मामला मिलता है और वह उसकी शिकायत नही करता है तो उसके विरुद्ध भी कार्यवाही की बात कही गयी है। वहीं पोक्सो का झूठा मुकदमा लिखाने वालो के खिलाफ भी कायर्वाही इसी कानून के तहत होगी। अतः यह कानून बच्चों के विरुद्ध हो रहे लैंगिग अपराधों को रोकने में सक्षम है।आप ऐसे मामलों में चाइल्ड लाइन की भी मदद ले सकते हैं।