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प्रशासन की कड़ी कार्यवाई के बाद भी लेखपाल झुकने को नहीं तैयार

by admin

आगरा। एस्मा लगाए जाने के बाद भी चल रहे धरने को लेकर प्रशासन की कड़ी कार्यवाही के बाद भी लेखपाल झुकने को तैयार नही है। अपनी मांगों को लेकर लेखपाल आज भी धरने पर बैठे है। लेखपालों ने धरने को जारी रखकर प्रशासन और सरकार को अपने मंसूबो से रूबरू करा दिया है। आंदोलित लेखपालों के आंदोलन का आज 15 वाँ दिन था।

एस्मा लगाए जाने के बाद भी धरना जारी रखने पर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 1700 लेखपालों पर कार्यवाही की है। आगरा जिले के 6 लेखपालों को निलंबित किया है जिनमें जिलाध्यक्ष चौधरी भीमसेन, जिला मंत्री प्रताप सिंह फतेहाबाद तहसील अध्यक्ष भीमसेन, तहसील मंत्री सूरज पाल, तहसील सदर अध्यक्ष अजीत सिंह, तहसील मंत्री राजेश कुमार शामिल है। इन सभी को प्रशासन ने एस्मा के उलंघन के मामले में निलंबित कर दिया है। इतना ही नही प्रशासन की ओर से सभी तहसीलों में धरने में शामिल लेखपालों पर भी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।

लेखपालों के आंदोलित होने से तहसीलों का कार्य प्रभावित हो रहा है तो आम जनमानस को आय, निवास, जाति व अन्य प्रमाण पत्र न बनने से काफी परेशानी हो रही है। इन सभी समस्याओं को लेकर सरकार की ओर से धरने पर बैठे लेखपालों पर एस्मा लगा दिया था लेकिन एस्मा लगने के बाद भी आंदोलित लेखपाल अपने कार्य पर नही लौटे जिसके कारण प्रशासन ने आंदोलित लेखपालों पर कार्यवाही कर दी।

शासन प्रशासन की ओर से की गई इस कड़ी कार्यवाही को लेकर संघ के जिलाध्यक्ष भीमसेन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना था कि लेखपाल अपनी जायज मांगो को लेकर शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और कोई शांति व्यवस्था भी भंग नही की लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अपनी तानाशाही ने छोड़ी है। सरकार ने अधिकारियों के माध्यम से लेखपालों का उत्पीड़न और दमन कर रही है।

लेखपालों ने साफ कहा कि उन पर चाहे किसी भी तरह की कार्यवाही हो लेकिन वो पीछे हटने को तैयार नही है। संघ के पदाधिकारियों ने साफ कहा कि सभी लेखपाल दमन चक्र कार्यवाही के विरोध में एक साथ जुटे। लेखपाल अब किसी भी दवाब में झुकने को तैयार नही है। सभी एक साथ जेल जाने को भी तैयार हैं।

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