Home » मथुरा में भाई-बहनों ने किया स्नान, जाने यमद्वितीया पर्व का महत्व

मथुरा में भाई-बहनों ने किया स्नान, जाने यमद्वितीया पर्व का महत्व

by admin

मथुरा। भैया दौज के पावन पर्व पर अपने भाई की लंबी उम्र की कामना को लेकर विश्राम घाट पर भाई बहन ने एक साथ यमुना में स्नान किया और कृष्ण की पटरानी यमुना जी व यमराज की पूजा अर्चना की। बहनों ने विधि विधान के साथ यमुना मैया और यम की पूजा अर्चना कर अपने भाई को यम फास से मुक्त करने की प्रार्थना की।

बताया जाता है कि इस प्राचीन परंपरा को निभाने के लिए और प्रभु में आस्था रखते हुए भाई दूज के मौके पर मथुरा के विश्राम घाट पर दूर दराज से भाई बहन अपने परिवार के साथ आते है और भाई बहन एक साथ यमुना स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं।

मथुरा में इस पर्व को यमद्वितीय स्नान के रुप मे मनाते है। कहते हैं कि द्वापर युग में यमराज और प्रभु शनि देव के बीच भयंकर युद्ध हुआ था जिसमे यमराज घायल हो गए थे। तब यमराज ने अपनी बहन यमुना महारानी के यहां मथुरा आकर अपना इलाज कराया था। जब ठीक होकर जाने लगे तो यमराज ने अपनी बहन को वरदान दिया कि जो भाई-बहन कार्तिक की दूज में एक साथ यमुना में स्नान कर हम दोनों की पूजा अर्चना करेंगे तो उन बहनो के भाइयों को यम फास से मुक्ति मिल जाएगी। उनकी अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। तभी से ये मान्यता आज तक मथुरा में चली आ रही है। भाई दूज विश्व प्रसिद्ध त्यौहार है। लाखों की संख्या में दूर दूर से भाई बहन मथुरा आते है। यमुना में स्नान करके पुण्य कमाते है।

एक साथ यमुना नदी में स्नान करने वाले भाई-बहनों ने बताया कि वह हर साल भैया दूज पर मथुरा स्नान के लिए आते हैं यह प्राचीन परंपरा है जिसे आज भी निभाया जा रहा है भैया दूज पर आज भी अच्छी खासी भीड़ विश्राम घाट पर देखने को मिल रही है।

Related Articles

Leave a Comment