आगरा। डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 85 वें दीक्षांत समारोह में जहां इस समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की तो वहीं मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा शामिल हुए। समारोह में पदक मिलने वाले छात्रों को सम्मानित करने के बाद राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री ने अपना संबोधन दिया।
जहां राज्यपाल ने एक महिला होने के नाते समाज में नारी की स्थिति और परिस्थिति पर अपने विचार रखते हुए नारी उत्थान की बात जोरदार तरीके से रखी तो वहीं समाज को टीबी और कुपोषण रोग से मुक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान में सहयोग मांगा। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने आगरा विश्वविद्यालय के इतिहास पर नजर डालते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर चर्चा की और बीते 2 सालों में विश्वविद्यालय के सुधारते हालात पर कुलपति को बधाई दी।
आइए विस्तार से जानते हैं कि राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में क्या कहा…
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
आगर विवि के दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होकर प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। सभी छात्रों को बधाई। दीक्षांत के अवसर पर छात्रों को राष्ट्र निर्माण की दीक्षा दी जाती है। यह छात्र नए भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे। आगरा विवि का नाम अंबडेकर के नाम पर है जिनका राष्ट्र के निर्माण में अमूल्य योगदान है जिसे भुलाया नही जा सकता। आजादी से पहले नेपाल तक के विद्यालय आगरा विद्यालय से सम्बद्ध थे। भारत पहले भी विश्वगुरु रहा है और वर्तमान में भी इसमे आगे बढ़ रहा है इसमे आगरा विवि भी अमूल्य योगदान देगा।
राज्यपाल ने बताया कि प्रधानमंत्री का सपना है भारत 2025 तक टीबी मुक्त हो। इसके लिये आगरा विवि कदम उठा चुका है जो धन्यवाद का पात्र है। मैं जहां भी विवि में जाती हूँ तो बताती हूँ कि एक ओर हम कुपोषण से जूझ रहे है लेकिन इसके बाद भी हमारी बेटियां कितनी सशक्त है यह हमें नही पता है। कुपोषण से सरकार मुक्त कराने के लिए काम कर रही है लेकिन जब तक बेटी नही पढ़ेंगी तब तक कुपोषण दूर नही होगा। आज सम्पूर्ण विश्व बालिका दिवस मना रहा है। आगरा विवि में 650 हीमोग्लोबिन चैक कराया गया है। 22 प्रतिशत छात्राओं के शरीर मे से 10 परसेंट से ज्यादा छात्राओं के भीतर हीमोग्लोबिन की कमी है। इसके लिए लोगो को प्रयास करना चाहिए कि जनन्नी कुपोषित नही हो। इसके लिए जब तक गर्भवती स्त्री सशक्त नही होंगी तब तक कुपोषण नही दूर होगा। 650 में से 140 छात्राएं हीमोग्लोबिन की कमी से जूझ रही है जिसके लिए काम करना होगा। डायट प्लान तैयार करना होगा। टैस्ट कराना होगा और जब यह दूर होगा उसका विवाह होगा तब कुपोषण दूर होगा। जितनी बेटियां आंगनबाड़ी और प्राइमरी स्कूल में है उसे लक्ष्मी मानकर उसका सम्मान कीजिये। अगर बेटी को लक्ष्मी मानेंगे तो उसका समाज मे सम्मान होगा और छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। आगरा विवि के शिक्षकों को यह काम करना होगा।
पूरे भारत मे बाल विवाह हो रहा है। ऐसे प्रकरण विवि के दीक्षांत समारोह में नही उठाये जाते है लेकिन इस पर रोक लगनी चाहिए। राज्य सरकार ने बेटियों के विवाह के लिए सामूहिक विवाह का प्राविधान इसको रोकने के लिए किया है। गोल्ड मैडल का मिलना एक अच्छी खुशी होती है। इससे समाज में अच्छा संदेश परिवार के प्रति जाता है लेकिन जब उसका विवाह का समय आता है तो दहेज की मांग की जाती है। क्या हमारी बेटी बेटियों में इतनी ताकत नही है कि वह दहेज नही मांगे। इसलिए इस अवसर पर छात्र छात्राएं दहेज ना मांगने का संकल्प ले। इससे समाज में सम्मान मिलेगा। दहेज मागने वाले से लड़कीं शादी नही करे। जब तक यह प्रकरण शांत नही होगा। जब तक इस पर दहेज का विरोध नही होगा। गुजरात में सेक्स रेशियो पर 2003 से काम किया। उसके चलते विषम परिस्थियां पैदा हुई। 1000 लड़कियों के सापेक्ष 800 लड़कियां रह गयी। इसके चलते 200 बच्चे कुंवारे रह गए। इसके लिए मोदी सरकार ने बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा हरियाणा से दिया जिसके चलते 5 साल में परिवर्तन हुआ। बेटी हो या बेटा हो उसे जीवन जीने का अधिकार है।
पर्यावरण प्रदूषण पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्लास्टिक बाहर फैंकने का काम पूरे देश में चल रहा है। हमारी एक गलती के कारण गाय बछड़े बर्बाद हो रहे है। बीमार हो रहे है जिससे गाय के पेट में से 15 किलो प्लास्टिक ऑपरेशन कर निकालना पड़ता है। एक ओर जहां गाय बचाने के आंदोलन किये जा रहे है तो वहीं प्लास्टिक से गाय की हत्या की जा रही है। टीबी और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सरकार काम कर रही है। आज मुझे खुशी है विवि ने लगभग 600 बच्चे की एक लिस्ट बनाई है जो उन्हें गोद लेगी। बच्चो को 2 तीन महीने तक पोषण युक्त आहार दिया जाएगा। 12 से 13 जिलों में 5000 बच्चो को गोद लिया गया है जिन्हें पोषण युक्त भोजन दिया जा रहा है। इसमें 5, 6, 7वीं क्लास के बच्चे शामिल है। गरीबी के वजह से यह टूर पर नही जा सकते। यदि टूर पर नही जाएंगे तो उनका विकास नही होगा। इसलिए ऐसे छात्रों को आगरा विवि के दीक्षांत समारोह को दिखाया जाता है जिससे उसके अंदर भी पढ़ने की झिज्ञासा विकसित हो। हमारे बच्चो के अंदर पढ़ने की आदत नही है इसलिए पढ़ने की आदत विकसित करनी होगी। इसलिए बच्चो को किताबे वितरित की गई है। आगरा विवि 85 साल पुरानी है। यह सर्वश्रेष्ठ बननी चाहिए जिससे दूसरे विवि के अध्यापक और छात्र यहां आए। इसके लिए आगरा विवि के समस्त प्रशासन-विभाग को मिलकर काम करना होगा।
दिनेश शर्मा का उद्बोधन
आगरा विवि 92 वर्ष पुराना विवि है जिससे कई बड़ी हस्तियां निकली हैं। विवि की स्थापना के समय 14 विद्यालय संबद्ध थे जिसमें 1025 छात्र अध्ययनरत थे। आज लगभग 1000 से ज्यादा शिक्षण संस्थान शामिल है। छात्रों ने राष्ट्र और समाज के अग्रणी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया। पंडित दीन दयाल भी आगरा विवि के छात्र रहे जिन्होंने एकात्म मानव वाद का दर्शन दिया। उन्होंने नून तेल लकड़ी का सिद्धान्त दिया। राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा और पंडित अटल विहारी वाजपेयी के अलावा अनेक राज्यपाल इस विवि ने दिए। आगे चलकर विवि का नाम बाबा साहेब आँबेडकर के नाम पर रखा जिसके आधार पर इसकी बढ़ोत्तरी हुई।
दिनेश शर्मा ने कहा कि कुलपति अरविंद दीक्षित ने विवि में तमाम सुधार किए जिसमे नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न हुई। यूपी सत्र का लक्ष्य 15 जून तक का था जिसको आगरा विवि ने पूरा किया और 10 जुलाई को नया सत्र प्रारम्भ हुआ जिसके बाद दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। आगरा विवि नित नए प्रयोग कर रहा है जिसके लिए कुलपति साधुवाद के पात्र है।
उन्होंने बताया कि दीक्षांत शिक्षांत नही होता बल्कि नए नए दायित्व को ग्रहण करता है। यह प्रेणा और संकल्प का दिन होता है। इससे समाज के प्रति जो सीखा है उसका समर्पण का दिन होता है । प्रदेश में शिक्षा में नया बदलाव आया है। महात्मा गांधी रोजगार सृजन पीठ, महात्मा गांधी शोध पीठ, अटल सृजन शोध पीठ के साथ साथ अन्य शोध पीठ स्थापित हुए। ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों का चुनाव हुआ जिसमें सीसीटीवी कैमरे और वायस रिकॉर्डर स्थापित किया है जिससे नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न हुई। कम समय में आगरा विवि में बदलाव हुआ है जिसमे पठन पाठन के साथ साथ छात्रों का प्रयोगात्मक ज्ञान भी मिला है।