मून ब्रेकिंग। यूपी सहित देश के बड़े हिस्से में एक बार फिर ब्लैक आउट का खतरा मंडराने लगा है। जानकारी के मुताबिक अगले 1 महीने के अंदर उत्तरी भारत के कई राज्य इस ब्लैक आउट की चपेट में आ सकते हैं और देश का बड़ा हिस्सा वैसे ही एक बार फिर अंधेरे में डूब जाएगा जैसा कि सन 2012 में ब्लैक आउट हुआ था। बताया जा रहा है उत्तर प्रदेश के अलावा ब्लैकआउट का यह खतरा पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली के ऊपर भी मंडरा रहा है। इन राज्यों में बिजली सप्लाई करने वाली एनटीपीसी के प्लांट में कोयले का स्टॉक खत्म होने के कगार पर है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों विपक्ष सरकार ने एनटीपीसी के प्लांट में कोयले का स्टॉक खत्म होने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। जिसे केंद्र सरकार में दरकिनार करते हुए पर्याप्त मात्रा में स्टॉक होने की बात कही थी लेकिन अभी हाल में NTPC के एग्जिक्यूटिव ने खुलासा करते हुए बताया कि एनटीपीसी के प्लांट में कोयले के स्टॉक में भारी कमी आई है अगर यही स्थिति बनी रही तो अगले 1 महीने के अंदर देश के बड़े हिस्से में ब्लैक आउट हो सकता है।
NTPC के एग्जिक्यूटिव ने बताया कि पिछले सालों की अपेक्षा न केवल NTPC के प्लांटों में कोयला उत्पादन में कमी आई है बल्कि बारिश के दिनों में क्षमता आधे से भी कम रह गई है जिसके चलते प्लांट में कोयले का स्टॉक खत्म होने के कगार पर है। उन्होंने बताया कि 2 महीने पहले कोयले का स्टॉक लगभग ढाई लाख टन था जो कि घटकर अब 40 हज़ार टन रह गया है।
हालांकि इस मसले पर केंद्र सरकार ने कहा है कि ब्लैक आउट का खतरा टालने के लिए वे वैकल्पिक व्यवस्था में जुटे हुए हैं। साथ ही इन राज्यों में बिजली सप्लाई करने के लिए झारखंड के राजमहल माइंस के आसपास के गांव की जमीन को भी अधिग्रहण करने की बात चल रही है ताकि सुचारू रूप से बिजली सप्लाई के लिए कोयले के उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके लेकिन परेशानी वाली बात यह है कि इस अधिग्रहण के लिए पिछले 2 साल से केंद्र सरकार जमीन प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक वह सफल नहीं हो पाई है।
बहरहाल अगले 1 महीने बाद यह स्थिति साफ हो जाएगी कि केंद्र सरकार कुछ ठोस कदम उठा कर इस ब्लैक आउट से देश के कई राज्यों को बचा पाती है या फिर 2012 के बाद एक बार फिर देशवासियों को इस प्रकार का सामना करना पड़ सकता है।