आगरा। शासन-प्रशासन जीआरपी और आरपीएफ की लाख कोशिशों के बावजूद भी ट्रेनों के अंदर वारदात थमने का नाम नहीं ले रही है। भले ही जीआरपी और आरपीएफ आए दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पीठ थपथपाने का काम करती हो मगर सच्चाई यह भी है कि ट्रेनों में वारदात करने वाले शातिरों के आगे जीआरपी पुलिस बोनी साबित हो रही है।
हाल ही का यह मामला जनपद फिरोजाबाद के फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन से शिकोहाबाद के बीच का है। आगरा के रामबाग में रहने वाला एक युवक ट्रेन के अंदर सफ़र कर रहा था और ट्रेन की सीढ़ी पर बैठे युवक से लूट की वारदात को अंजाम दिया गया। हालांकि ट्रेन में लूट की वारदात का मुकदमा जीआरपी हाल ही में नहीं लिखती है। दिनांक 6 जुलाई समय सुबह करीब 8:00 बजे आगरा के एत्माद्दौला रामबाग का रहने वाला युवक राहुल कुशवाह फिरोजाबाद से इटावा की ओर जा रहा था और वह ट्रेन की सीढ़ी पर बैठकर फेसबुक पर लाइव वीडियो चैट कर रहा था। तभी राहुल के मुताबिक ट्रेन की गति तकरीबन 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से थी।
ट्रेन की पटरियों पर मौजूद युवकों ने राहुल कुशवाह के हाथ में डंडा मारकर विवो मोबाइल की लूट को अंजाम दे दिया। जिस वक्त इस लूट की वारदात को अंजाम दिया गया। उस वक्त राहुल कुशवाह अपनी फेसबुक पर लाइव कर रहा था। यानी लूट की वारदात को अंजाम देने वाले लुटेरों के फोटो भी कैद हो गए हैं। अपने साथ घटित हुई ट्रेन के अंदर लूट की वारदात का लाइव वीडियो राहुल कुशवाह ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।
बावजूद इसके जीआरपी पुलिस अपनी कुंभकरण की नींद से नहीं जागी है। 6 जुलाई से लगातार पीड़ित जीआरपी के चक्कर काट रहा है और अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या जीआरपी अपराधियों को संरक्षण दे रही है या फिर अपराधियों के आगे बोनी साबित हो चुकी है।